New Delhi, 16 सितंबर . उत्तराखंड के देहरादून में सहस्त्रधारा और मालदेवता क्षेत्रों में बीती रात भारी बारिश के कारण बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई है. इस प्राकृतिक आपदा के कारण क्षेत्र की प्रमुख नदियां चंद्रभागा, रिस्पना, बिंदल और सौंग उफान पर हैं, जिससे कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. लोग कई स्थानों पर फंसे हुए हैं, और राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं.
BJP MP नरेश बंसल ने इस त्रासदी पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि उत्तराखंड पिछले साल की बरसात के बाद से लगातार प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहा है.
उन्होंने कहा, “थराली, धारचूला और बागेश्वर जैसे क्षेत्रों में पहले भी बादल फटने की घटनाओं ने गांवों को तबाह किया है. अब देहरादून में सहस्त्रधारा और मालदेवता में भारी बारिश और बादल फटने से स्थिति गंभीर हो गई है. नदियों में उफान के कारण लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.”
उन्होंने बताया कि प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है और प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद की जा रही है.
इसके साथ ही सांसद बंसल ने केंद्र Government की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में भ्रष्टाचार और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है.
उन्होंने कहा कि Prime Minister Narendra Modi के कार्यकाल में भ्रष्टाचार और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति स्पष्ट रूप से दिखाई देती है. चाहे एयर स्ट्राइक हो, सर्जिकल स्ट्राइक हो या हाल ही में हुआ ऑपरेशन सिंदूर, हर स्तर पर यह सिद्धांत लागू किया गया है. यह Government की दृढ़ इच्छाशक्ति और राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है.
वहीं, भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर BJP MP नरेश बंसल ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता सहित अन्य वार्ताएं जारी हैं. Government और वाणिज्य मंत्रालय यह सुनिश्चित करेंगे कि किसानों, पशुपालकों और एमएसएमई को कोई नुकसान न हो. सभी चर्चाओं में राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी जाएगी और मुझे विश्वास है कि वार्ता सफल होगी.
उन्होंने कहा, “राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत के तहत कोई भी व्यापारिक वार्ता होगी, जिसमें देश के हितों को सर्वोपरि रखा जाएगा.”
एसआईआर के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आस्था रखने वाला हर नागरिक इस बात से सहमत होगा कि देश की मतदाता सूची पूरी तरह शुद्ध होनी चाहिए. इसमें घुसपैठियों के नाम, मृतकों के नाम या ऐसे लोगों के नाम नहीं होने चाहिए जो दूसरे स्थान पर बस गए हों. समय-समय पर मतदाता सूची का शुद्धिकरण होता रहा है, हालांकि इस बार 23 साल बाद बड़े पैमाने पर यह प्रक्रिया हो रही है.
उन्होंने आगे कहा कि यह भी सही है कि हर चुनाव से पहले कुछ मात्रा में सुधार होता ही है. नए मतदाताओं के नाम जुड़ते हैं और मृतक अथवा स्थानांतरित लोगों के नाम हटाए जाते हैं. चुनाव आयोग द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे इस व्यापक शुद्धिकरण को लोकतंत्र की मजबूती के लिए एक स्वागत योग्य कदम माना जाना चाहिए.
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एकेएस/डीएससी