Lucknow, 16 सितंबर . Samajwadi Party के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश Government में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के जन्मदिन पर सौ रुपये देने की बात कही. इसको लेकर सियासत तेज हो गई. सपा मुखिया के इस बयान पर ओम प्रकाश राजभर ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ओबीसी, दलितों और मुसलमानों के दुश्मन हैं.
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव ओबीसी, दलितों और मुसलमानों के दुश्मन हैं. वह केवल उनका वोट चाहते हैं, उन्हें उनका अधिकार नहीं देना चाहते. सत्ता में रहते हुए उन्होंने Governmentी खजाना लूटा; अब 8.5 साल से सत्ता से बाहर हैं, उनके बयानों का कोई वजन नहीं है. सपा में लोगों को अपने अधिकार की बात कहने का हक नहीं है. वहां कार्यकर्ता लोडर की भूमिका में रहते हैं, जबकि भाजपा में कार्यकर्ता लीडर की भूमिका में रहते हैं. मैं तो कहूंगा कि मैं खेती करता हूं. गेहूं और धान पैदा करता हूं. जरूरत पड़ेगी तो हमको बता देना, अखिलेश, हम आपको धान और गेहूं बेच करके आपको रुपया देंगे.
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि जब अखिलेश यादव सत्ता में थे, तो वे राज्य को लूटते थे. उन्होंने राज्य को बेच दिया और संपत्ति अर्जित की. उनके पास इतनी संपत्ति कहां से आई? उनकी संपत्ति की जांच होनी चाहिए.
राजभर ने एआईएमआईएम के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली के बयान को समाज में नफरत फैलाने वाला बताया. उन्होंने कहा कि शौकत अली को ज्ञान नहीं है. उन्होंने कहा कि गजनवी का भांजा सैयद शाह मसूद गाजी अफगानिस्तान का रहने वाला था. India में गजनवी के निर्देश पर यहां लूटपाट करने और India को गुलाम बनाने के लिए वह आया. जब यह बहराइच की धरती पर पहुंचा तो वहां राजभर महाराजा सुहेल देव से भेंट हो गई. उत्तला नदी के किनारे चितौड़ा झील पर युद्ध के दौरान महाराजा सुहेल देव जी ने उसे मार डाला. शौकत अली का बयान समाज में नफरत फैलाने वाला है. यह बयान Prime Minister मोदी और प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी अपमानित करने वाला है. Chief Minister को शौकत अली के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा कर जेल भेजने का काम करना चाहिए.
उन्होंने गोरखपुर पशु तस्कर द्वारा छात्रा की हत्या मामले पर कहा कि इस तरह की घटना की हम निंदा करते हैं. पशु तस्कर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी. प्रदेश में कानून का राज है. किसी को भी छूट नहीं है, कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. ऐसा करने पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.
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एएसएच/डीएससी