Lucknow, 16 सितंबर . कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश Government पर हमला किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो चुकी है. वह गोरखपुर में पशु तस्करों द्वारा नीट की तैयारी कर रहे छात्र की गोली मारकर हत्या के मामले में प्रतिक्रिया दे रहे थे.
सुरेंद्र राजपूत ने से खास बातचीत के दौरान कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी के जंगलराज की पराकाष्ठा है, जहां पर पशु तस्कर एक छात्र को गोली मारकर बेखौफ होकर भाग जाते हैं. प्रदेश में जेल और अस्पतालों में हत्याएं हो रही हैं. कचहरी में हत्याएं हो रही हैं. Police वाले गोरखपुर में होटल के अंदर व्यापारी को गोली मार दे रहे हैं. Lucknow में Police वाले एक कपल को गोली मार दे रहे हैं. पूरा प्रदेश हाहाकार कर रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ हों या भाजपा के लोग, सिर्फ जुमलेबाजी करने में माहिर हैं. सच्चाई ये है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से विफल है.
नए वक्फ कानून के प्रमुख प्रावधानों पर रोक लगाने वाले Supreme court के आदेश पर कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि मुख्य रूप से तीन प्रावधानों पर अंतरिम प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिनका हम स्वागत करते हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव (राजेश रंजन) द्वारा पीएम मोदी की तारीफ करने पर कहा कि हवाई अड्डा चालू हो गया है, जो स्वाभाविक है और इसके उद्घाटन के लिए Prime Minister को धन्यवाद. लेकिन मखाना किसानों के लिए राहुल गांधी काम कर रहे हैं. पप्पू यादव ने भी इस बारे में बयान दिया था, फिर भी कोई इस पर बात नहीं कर रहा है. जब पप्पू यादव वोटर अधिकार यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के साथ खड़े थे, तब किसी ने कुछ नहीं कहा. सच ये है कि वोट चोरों को गद्दी छोड़नी पड़ेगी और जितने वोट चोर हैं सब बिहार से भगाए जाएंगे.
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा को लेकर कहा कि यह यात्रा बिहार के अधिकार की यात्रा है. तेजस्वी यादव नायक के रूप में वहां यात्रा कर रहे हैं. इंडिया गठबंधन के नेता के रूप में वहां यात्रा कर रहे हैं. प्रदेश को ठगों और जुमलेबाजों से मुक्ति देनी है. यह यात्रा इंडिया गठबंधन को निश्चित तौर पर मजबूत करेगी.
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने एसआईआर का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि एसआईआर का विरोध नहीं करना चाहिए, लेकिन एसआईआर के नाम पर गरीबों और मजदूरों के वोट न काटे जाएं और जिंदा लोगों के नाम न हटाए जाएं. भाजपा से जुड़े मर चुके लोगों के नाम सूची में न जोड़े जाएं. एसआईआर प्रक्रिया में पारदर्शी व्यवस्था हो तो बेहतर है.
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एएसएच/डीएससी