अमेरिका जापानी वाहन निर्माताओं पर टैरिफ लगाना करेगा शुरू, कोरियाई कारों पर 25 प्रतिशत शुल्क

वाशिंगटन, 16 सितंबर . अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन द्विपक्षीय व्यापार समझौते के अनुरूप इस सप्ताह जापानी ऑटोमोबाइल पर 15 प्रतिशत टैरिफ लागू करना शुरू कर देगा.

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, वाणिज्य विभाग के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रशासन ने संघीय रजिस्टर पर प्रकाशित एक नोटिस में कहा, ”टैरिफ दर Tuesday से लागू होगी. यह ट्रंप द्वारा इस महीने की शुरुआत में जापान के साथ समझौते को आधिकारिक रूप से लागू करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद उठाया गया है.”

इस समझौते के तहत, संयुक्त राज्य अमेरिका जापानी ऑटोमोबाइल और उसके पुर्जों पर टैरिफ को मौजूदा 27.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने पर सहमत हो गया है, जिसमें मौजूदा 2.5 प्रतिशत टैरिफ और वैश्विक क्षेत्र-विशिष्ट शुल्क 25 प्रतिशत शामिल हैं.

वर्तमान में दक्षिण कोरियाई वाहन 25 प्रतिशत के टैरिफ के अधीन हैं, जिसे ट्रंप प्रशासन ने 1962 के व्यापार विस्तार अधिनियम की धारा 232 के तहत लागू किया है. यह एक ऐसा कानून है, जो President को आयातों को समायोजित करने का अधिकार देता है, जब उन्हें लगता है कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

अमेरिका ने जुलाई में हुए एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत दक्षिण कोरियाई वाहनों पर टैरिफ को घटाकर 15 प्रतिशत करने पर भी सहमति व्यक्त की है, लेकिन इसकी बारीकियों पर बातचीत के बीच यह अनिश्चित है कि यह समझौता कब लागू होगा.

Monday को अमेरिका पहुंचने पर, कोरिया के व्यापार मंत्री येओ हान-कू ने सियोल के निरंतर प्रयासों पर जोर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोरियाई कारों के लिए भी ऑटो टैरिफ में कमी ‘जितनी जल्दी हो सके’ लागू की जा सके.

उन्होंने जुलाई के व्यापार समझौते पर आगे की बातचीत के लिए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर और अन्य अमेरिकी अधिकारियों से मिलने की योजना को लेकर संवाददाताओं से कहा, “हम बातचीत की प्रक्रिया में हैं, इसलिए हम अपना संयम बनाए रखेंगे.”

दक्षिण कोरिया के लिए अमेरिका एक प्रमुख ऑटो निर्यात बाजार है.

पिछले साल दक्षिण कोरिया के कुल कार निर्यात में अमेरिका को निर्यात 34.7 अरब डॉलर या 49.1 प्रतिशत रहा. हुंडई मोटर ग्रुप और जीएम कोरिया ने पिछले साल अमेरिका को क्रमशः लगभग 9,70,000 और 410,000 यूनिट्स निर्यात की थीं.

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