New Delhi, 15 सितंबर . वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 पर Supreme court ने रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कुछ प्रावधानों पर अदालत ने रोक लगाया है, लेकिन वह भी अंतरिम फैसला है. इसके बाद से सत्तापक्ष के नेता Supreme court के फैसले का स्वागत कर रहे हैं.
Union Minister गिरिराज सिंह ने समाचार एजेंसी से कहा कि Government की जीत हुई है. कोर्ट ने कुछ प्रावधानों पर सिर्फ अंतरिम रोक लगाई है. रजिस्ट्रेशन अभी भी अनिवार्य है. वक्फ बोर्ड में 3 गैर-मुस्लिम सदस्यों की बात भी कोर्ट ने कही है. यह भी अच्छी बात है. मैं इसके लिए कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं.
गिरिराज सिंह ने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड की 80 प्रतिशत जमीन लूटमार की जमीन है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हर जमीन को रजिस्टर्ड कराना होगा.
उत्तर प्रदेश Government में पूर्व मंत्री और भाजपा नेता मोहसिन रजा ने कहा कि Supreme court ने जो भी फैसला दिया है, हम उसका स्वागत करते हैं. Government जो वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 लेकर आई, वह जनहित और देशहित में है, क्योंकि 90 लाख लोगों से सुझाव लेने और तमाम बैठकें करने के बाद यह संशोधन अधिनियम लाया गया था.
मोहसिन रजा ने कहा, “विपक्ष के लोग नकारात्मक और तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं. विपक्ष के लोग बार-बार गैर-मुस्लिम को लेकर सवाल उठा रहे थे. Supreme court ने कहा है कि तीन से ज्यादा गैर-मुस्लिम नहीं रख सकते हैं. इससे स्पष्ट है कि गैर-मुस्लिम भी बोर्ड के सदस्य होंगे और ये सदस्य सहायता के लिए रहेंगे. वो इसलिए कि कई बार वक्फ बोर्ड में हिंदू भी आते हैं, जो कहते हैं कि गलत तरीके से हमारी संपत्ति वक्फ में दर्ज हुई है.”
पूर्व मंत्री ने आगे कहा, “तमाम भ्रांतियां और लोगों की शिकायतें, जिनका निस्तारण नहीं हो रहा था, इसके लिए वक्फ संशोधन अधिनियम में प्रावधान किए गए थे. इस पर Supreme court ने कोई रोक नहीं लगाई है. Supreme court ने वक्फ करने के लिए 5 साल की अनिवार्यता पर भी सिर्फ अंतरिम रोक लगाई है. कोर्ट ने इसे खारिज नहीं किया है.”
Supreme court के फैसले को लेकर Madhya Pradesh वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सनवर पटेल ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि यह आखिरी फैसला नहीं है. नए कानून से जो जरूरतमंद मुसलमान हैं उन्हें ताकत मिलेगी. सनवर पटेल ने आगे कहा कि Supreme court ने माना है कि जनता की भलाई के लिए यह कानून लाया गया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं समेत कुछ लोगों ने भड़काने का काम किया है. लोगों को बांटने का काम किया है.
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डीसीएच/जीकेटी