जब पीएम मोदी ने एक पिता की तरह मेरी देखभाल की, पीयूष गोयल ने सुनाया वो वाक्या

New Delhi, 15 सितंबर . Prime Minister Narendra Modi के 75वें जन्मदिन को खास बनाने के लिए 17 सितंबर को ‘सेवा पखवाड़ा’ की शुरुआत होगी. इससे पहले केंद्रीय मंत्रियों ने पीएम मोदी के साथ बिताए गए पलों को याद किया.

Union Minister पीयूष गोयल ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने कहा, “हैशटैग मायमोदीस्टोरी Prime Minister Narendra Modi के व्यक्तित्व की सबसे उल्लेखनीय विशेषताओं में से एक उनकी गहन संवेदनशीलता और आसपास के सभी लोगों के प्रति सच्ची देखभाल करना है. छोटी-से-छोटी बात पर उनका ध्यान एक दुर्लभ मानवीय संवेदनशीलता को दर्शाता है. मैंने इसे स्वयं अनुभव किया. एक ऐसा अनुभव जिसने मुझे अत्यधिक प्रभावित किया.”

उन्होंने कहा, “मुझे लंबे समय से गले की समस्या थी. पीएम मोदी ने देखा कि मैं बैठकों के दौरान बार-बार पानी पीता हूं. कई बार उन्होंने मुझे गुनगुना पानी पीने की सलाह दी और यहां तक कि सुनिश्चित किया कि बैठकों में मेरे लिए गुनगुना पानी उपलब्ध कराया जाए. यह कितना विचारशील संकेत था. एक शाम मैं एक बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत कर रहा था, जिसमें Prime Minister मोदी भी उपस्थित थे. लंबे दिन के काम के बाद हमेशा की तरह मेरा गला परेशान करने लगा. मैंने पानी पी-पीकर किसी तरह प्रस्तुति पूरी करने की कोशिश की.”

पीयूष गोयल ने कहा कि अचानक पीएम मोदी ने बीच में रोककर पूछा, “पीयूष, क्या तुम अपने गले का इलाज कराना चाहते हो?” मैंने कहा, “हां.” उन्होंने दोबारा पूछा, “क्या तुम वह करोगे जो मैं कहूं?” मैंने फिर कहा, “हां.” तब उन्होंने मुझे योग चिकित्सा अपनाने की सलाह दी. मैंने बिना हिचकिचाए उनकी बात मान ली और बैठक आगे बढ़ी. उसी रात घर पहुंचकर मैंने परिवार को यह बात बताई और हमने योग शिक्षक खोजने पर चर्चा की, लेकिन मैं पूरी तरह चकित तब हो गया जब अगली ही सुबह Prime Minister निवास से फोन आया. उनके सहयोगी ने पूछा कि क्या मैं घर पर उपलब्ध हूं. फिर संदेश आया कि Prime Minister ने आपके लिए एक योग विशेषज्ञ की व्यवस्था की है.

उन्होंने आगे कहा कि मैं स्तब्ध रह गया. सलाह देना एक बात है, लेकिन स्वयं मदद की व्यवस्था करना बिल्कुल अलग. मैंने योग विशेषज्ञ को लाने के लिए वाहन भेजने का प्रस्ताव दिया, लेकिन मुझे बताया गया कि इसकी जरूरत नहीं है, Prime Minister ने पहले से सारी व्यवस्था कर दी है. पूरा परिवार आश्चर्यचकित था. उस क्षण मैंने गहराई से कुछ महसूस किया. मैंने कई साल पहले अपने पिता को खो दिया था, लेकिन उस दिन मुझे सचमुच ऐसा लगा जैसे पीएम मोदी मेरी देखभाल एक पिता की तरह कर रहे हों.

वहीं, Union Minister सतीश चंद्र दुबे ने ‘एक्स’ हैंडल पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, “हैशटैग मायमोदीस्टोरी Prime Minister Narendra Modi की एक खासियत यह है कि वे साधारण से साधारण चीजों में भी असाधारण संभावनाएं देख लेते हैं. जहां हममें से ज्यादातर लोग रोजमर्रा की जिंदगी में छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं, वहीं वे उनमें सामाजिक बदलाव का एक अवसर तलाश लेते हैं. सांसदों के साथ उनकी एक बैठक के दौरान मैंने खुद इसका अनुभव किया.

उन्होंने कहा कि उस दिन पीएम मोदी ने हमसे पत्रिकाओं और किताबों जैसी साधारण चीजों के बारे में बात की. उन्होंने कहा, “आप सभी अपने लिए पत्रिकाएं और अखबार मंगवाते हैं, लेकिन उन्हें पढ़ने के बाद अक्सर वे बेकार पड़े रहते हैं. तो क्यों न इन्हें एक संसाधन में बदल दिया जाए? अपने दफ्तर में एक छोटी सी लाइब्रेरी बनाएं. जब ग्रामीण आपके पास आएं तो वे भी पढ़कर सीख सकें. अगर आप इस तरह नियमित रूप से उनके साथ जुड़े रहें तो यह उनके व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ समाज के विकास में भी मददगार होगा.”

सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि मैं यह देखकर दंग रह गया कि कैसे इतना साधारण सुझाव जमीनी स्तर पर साक्षरता और जागरूकता को प्रेरित कर सकता है. फिर उन्होंने एक और उदाहरण दिया, इस बार दवाओं के बारे में. Prime Minister ने कहा, “अक्सर जब आप 10 गोलियों के पैक में से 4-5 गोलियां खाकर ठीक हो जाते हैं तो बाकी दवाइयां फेंक देते हैं. अगर आप इन्हें इकट्ठा करना शुरू कर दें और चिकित्सा क्षेत्र के लोगों से सलाह लें तो इन दवाओं का जहां भी जरूरत हो, दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है. इस तरह मरीज को फायदा होता है, Governmentी सब्सिडी का बेहतर इस्तेमाल होता है और लोगों का पैसा भी बर्बाद नहीं होता.”

उन्होंने कहा कि उस दिन पीएम मोदी की बातें सुनकर मुझे एहसास हुआ कि वे रोजमर्रा के मुद्दों पर कितनी गहराई से सोचते हैं. सिर्फ नीतियों और बड़ी परियोजनाओं के स्तर पर ही नहीं, बल्कि उन छोटी-छोटी आदतों के स्तर पर भी जो लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करती हैं. उनकी दृष्टि हमेशा व्यावहारिक, रचनात्मक और आम लोगों के जीवन की समझ पर आधारित होती है.

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