सीएम योगी के ‘2047 तक विकसित यूपी’ मिशन के लिए 1.5 लाख से अधिक प्रतिक्रिया मिली

New Delhi, 14 सितंबर उत्तर प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर उत्साहपूर्वक प्रतिक्रिया देते हुए, राज्य के 1.5 लाख से अधिक निवासियों ने ‘2047 तक विकसित यूपी’ के लक्ष्य पर अपनी राय दी है.

Chief Minister आदित्यनाथ द्वारा संचालित ‘समर्थ उत्तर प्रदेश – विकसित उत्तर प्रदेश 2047’ अभियान के तहत, नोडल अधिकारी और बुद्धिजीवी, राज्य के सभी 75 जिलों का दौरा कर छात्रों, शिक्षकों, व्यापारियों, उद्यमियों, किसानों, स्वयंसेवी संगठनों, श्रमिक संगठनों, मीडिया और आम जनता से संवाद कर रहे हैं.

पिछले आठ वर्षों की विकास यात्रा को न केवल जनता के साथ साझा किया जा रहा है, बल्कि रोडमैप पर भी चर्चा की गई और लोगों से उनकी प्रतिक्रिया भी ली गई.

एक Governmentी बयान में कहा गया है कि अब तक ‘समर्थ उत्तर प्रदेश डॉट यूपी डॉट जीओवी डॉट इन’ पोर्टल पर 1.5 लाख से अधिक प्रतिक्रियाएं दर्ज की जा चुकी हैं.

इनमें से लगभग एक लाख प्रतिक्रियाएं ग्रामीण क्षेत्रों से और शेष शहरी क्षेत्रों से प्राप्त हुईं.

Chief Minister ने एक्स के माध्यम से प्रदेशवासियों से सुझाव भी मांगे और कहा कि उनके अमूल्य सुझाव ‘विकसित उत्तर प्रदेश 2047’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होंगे. आप सभी के सुझाव ‘सशक्त उत्तर प्रदेश’ की संकल्पना को साकार करने में मील का पत्थर साबित होंगे. आइए हम सब मिलकर अपने विचारों और सुझावों से एक सशक्त, आत्मनिर्भर और समृद्ध ‘नया उत्तर प्रदेश’ बनाएं. आप सभी अपने सुझाव क्यूआर कोड या पोर्टल के माध्यम से दे सकते हैं.

लगभग 50,000 सुझाव 31 वर्ष से कम आयु के लोगों से आए, जबकि 75,000 सुझाव 31-60 वर्ष आयु वर्ग से और शेष सुझाव 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से आए.

शिक्षा जनता के बीच सबसे बड़ा मुद्दा रहा, जिसके लिए लगभग 50,000 सुझाव प्राप्त हुए.

इसके अलावा, शहरी एवं ग्रामीण विकास से संबंधित लगभग 25,000 सुझाव, स्वास्थ्य से संबंधित 15,000 से अधिक, सामाजिक कल्याण से संबंधित लगभग 15,000 सुझाव और कृषि क्षेत्र से संबंधित 20,000 से अधिक सुझाव दर्ज किए गए.

प्रतिक्रिया साझा करने में सर्वाधिक रुचि और भागीदारी दिखाने वाले जिलों में Kanpur देहात, फर्रुखाबाद, जौनपुर, बलरामपुर, प्रतापगढ़ और फिरोजाबाद शामिल थे.

इन जिलों से कुल 53,996 से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं, जिससे पता चलता है कि जनता इस अभियान को गंभीरता से ले रही है.

एससीएच/डीएससी