गुजरात के किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण में सहायक साबित हो रही सॉयल हेल्थ कार्ड योजना

गांधीनगर, 14 सितंबर . ‘स्वस्थ धरा, खेत हरा’ मंत्र के साथ चलाई जा रही सॉयल हेल्थ कार्ड योजना Gujarat के किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण में सहायक साबित हो रही है. Prime Minister Narendra Modi ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में Gujarat में सबसे पहले इस योजना की शुरुआत की थी और फिर Prime Minister बनने के बाद इसे पूरे देश में लागू किया.

इस योजना के तहत मिट्टी की सेहत जांची जाती है और फिर उसके मुताबिक किसानों को खाद और पोषक तत्वों के उपयोग की जानकारी दी जाती है. इससे किसानों की पैदावार और आमदनी में वृद्धि हुई है.

गांधीनगर के ग्राम जाखुरा के किसान अमृत भाई पटेल ने बताया कि पहले रासायनिक खाद का उपयोग करते थे जिससे परेशानी होती थी. अब हम रासायनिक से ऑर्गेनिक खेती की तरफ बढ़े हैं. इससे हमारी जमीन का स्वास्थ्य ठीक हुआ है और कार्बन का स्तर भी बढ़ा है. खेती की लागत कम हुई है और आमदनी बढ़ गई है.

सॉयल एक्सपर्ट पारुल परमार ने बताया कि Gujarat में 20 Governmentी और 27 निजी सॉयल टेस्टिंग लैब स्थापित हैं, जहां राज्यभर से आए मिट्टी के नमूनों में पीएच, नाइट्रोजन और फास्फोरस जैसे 12 पैरामीटर्स की जांच की जाती है. सॉयल हेल्‍थ कार्ड बनाने के बाद किसानों को दे देते हैं. इस योजना के माध्यम से किसान कम लागत में ज्यादा उपज पैदा कर पा रहे हैं.

कृषि विभाग के उप निदेशक नितिन शुक्ला ने बताया कि सॉयल हेल्थ कार्ड में जो भी रिकमेंड की गई है, उसके आधार पर खाद डालने से खाद की बचत के साथ ही जमीन की उत्‍पादन क्षमता में बढ़ोतरी होती है और पर्यावरण का भी रक्षण होता है.

Chief Minister भूपेंद्र पटेल के कुशल नेतृत्व में Gujarat Government किसानों को 2 करोड़ 15 लाख से ज्यादा सॉयल हेल्थ कार्ड जारी कर चुकी है. यह योजना किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता जानने, उत्पादकता बढ़ाने और वैज्ञानिक खेती अपनाने में मददगार साबित हो रही है. यानी सॉयल हेल्थ कार्ड ज्यादा पैदावार और आर्थिक समृद्धि की गारंटी बन गया है.

एएसएच/एएस