थूथुकुडी, 14 सितंबर . तमिलनाडु की समाज कल्याण एवं महिला अधिकार मंत्री पी. गीता जीवन ने द्रविड़ मुनेत्र कढ़गम (डीएमके) के संस्थापक सीएन अन्नादुरई के 117वें जन्मदिन को राज्यभर में धूमधाम से मनाने की बात कही.
उन्होंने कहा कि थूथुकुडी, विलाथिकुलम और कोविलपट्टी विधानसभा क्षेत्रों के 830 बूथों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जहां कार्यकर्ता तमिलनाडु का सिर कभी न झुकने देने का प्रतिज्ञान लेंगे.
पी गीता जीवन ने थूथुकुडी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, “सीएन अन्नादुरई के 117वें जन्मदिन के अवसर पर हम थूथुकुडी, विलाथिकुलम और कोविलपट्टी, इन तीन विधानसभा क्षेत्रों के 830 बूथों पर यह संकल्प लेने जा रहे हैं कि हम तमिलनाडु का सिर नहीं झुकने देंगे.”
उन्होंने कहा कि करूर में त्रिस्तरीय उत्सव का आयोजन होने जा रहा है. हमें भाजपा और एआईएडीएमके की ओर से पहले किए गए चुनावी वादों पर गौर करना चाहिए. एआईएडीएमके तो वो भी कर रही है, जो उसने अपने चुनावी वादों में नहीं कहा था. डीएमके ने अपने 80 प्रतिशत से ज्यादा वादे पूरे कर दिए हैं. वे सिर्फ आलोचना करने के लिए तमिलनाडु Government पर आरोप लगाएंगे.
उन्होंने कहा कि विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से उद्योग और अर्थव्यवस्था का विकास हुआ है. गरीब और साधारण लोग लाभान्वित हो रहे हैं और कल्याण प्राप्त कर रहे हैं. निश्चित रूप से जनता के समर्थन से डीएमके 2026 में Government की कमान संभालेगी. चाहे डीएमके के खिलाफ कितने भी विपक्षी दल हों, हम निश्चित रूप से जीत दर्ज करेंगे.
गीता जीवन ने तमिला वेत्री कझगम (टीवीके) प्रमुख और एक्टर विजय पर निशाना साधते हुए कहा, “उनका पार्टी में न कोई नियंत्रण है, न कोई गरिमा. नेतृत्व को नियंत्रण में रहना चाहिए. हमें उम्मीद है कि वे जल्द ही सीख जाएंगे.”
डीएमके ने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से पार्टी संस्थापक सीएन अन्नादुरई की जयंती 15 सितंबर को पूरे तमिलनाडु में पांच सूत्री प्रतिज्ञा लेने का आह्वान किया है.
पार्टी के ‘ओरानियिल तमिलनाडु’ सदस्यता अभियान के तहत लगभग 68,000 मतदान केंद्रों पर शपथ अभियान चलाया जाएगा. नेताओं ने बताया कि इस अभियान में 2.7 करोड़ सदस्य पहले ही पंजीकृत हो चुके हैं और सात लाख से अधिक कार्यकर्ता एक करोड़ परिवारों तक पहुंच रहे हैं.
Chief Minister और पार्टी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने social media पर शपथ जारी की और सदस्यों से डीएमके द्वारा तमिलनाडु के अधिकारों और पहचान के लिए बताए गए खतरों के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया.
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एकेएस/डीएससी