आज भारत दुनिया का सबसे तेजी से विकसित होने वाला देश है, असम के गोलाघाट में बोले पीएम मोदी

गोलाघाट, 14 सितंबर . Prime Minister Narendra Modi ने Sunday को असम के गोलाघाट में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज India दुनिया का सबसे तेजी से विकसित होने वाला देश है. जैसे-जैसे India विकसित हो रहा है, वैसे-वैसे हमारी बिजली की, गैस की, ईंधन की जरूरतें भी बढ़ रही हैं.

Prime Minister मोदी ने कहा कि हम इन चीजों के लिए विदेशों पर निर्भर रहे हैं. हम बहुत बड़ी मात्रा में कच्चा तेल और गैस विदेशों से आयात करते हैं और बदले में लाखों करोड़ों रुपए हर साल India को दूसरे देशों को देने पड़ते हैं. हमारे पैसों से विदेशों में रोजगार बनते हैं, वहां के लोगों की आमदनी बढ़ती है. इस स्थिति को बदला जाना आवश्यक है. India अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए आत्मनिर्भर बनने की राह पर चल पड़ा है.

पीएम मोदी ने नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) में असम बायोएथेनॉल संयंत्र का उद्घाटन किया और पॉलीप्रोपाइलीन संयंत्र की आधारशिला भी रखी. इस दौरान Union Minister हरदीप सिंह पुरी और असम के Chief Minister हिमंता बिस्व सरमा भी मौजूद रहे.

इसके बाद उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “विकसित असम, विकसित India की गौरव यात्रा के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है. आज करीब 18,000 करोड़ रुपए की परियोजनाएं असम को मिली हैं. थोड़ी देर पहले मैं दरांग में था. वहां मुझे कनेक्टिविटी और हेल्थ से जुड़ी परियोजना की नींव रखने का अवसर मिला है और अब यहां पर ऊर्जा सुरक्षा से जुड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन हुआ है. ये प्रयास विकसित असम का रास्ता और मजबूत करेंगे.”

पीएम मोदी ने कहा कि असम India के ऊर्जा सामर्थ्य को बढ़ाने वाली धरती है. यहां से निकले पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स देश के विकास को गति देते हैं. असम की इस ताकत को बीजेपी, एनडीए Government नई बुलंदी तक पहुंचाने में जुटी है. इस मंच पर आने से पहले मैं पास में ही एक और कार्यक्रम में गया था. वहां बांस से बायो एथनॉल बनाने वाले आधुनिक प्लांट का उद्घाटन किया गया है. ये असम के लिए गर्व की बात है. इसके साथ ही आज यहां पॉलीप्रोपाइलीन प्लांट का शिलान्यास भी हुआ है. ये प्लांट असम में उद्योगों को बल देंगे, असम के विकास को गति देंगे. किसान, नौजवान सभी के लिए नए अवसर बनाएंगे.

उन्होंने कहा कि हम एक तरफ देश में कच्चे तेल और गैस से जुड़े नए भंडार खोज रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ हरित ऊर्जा के अपने सामर्थ्य को भी बढ़ा रहे हैं. आप सभी ने सुना होगा कि इस बार लाल किले से मैंने ‘समुद्र मंथन’ की घोषणा की है. एक्सपर्ट बताते हैं कि हमारे समुद्र में भी बहुत बड़ी मात्रा में तेल और गैस के भंडार हो सकते हैं. ये संसाधन देश के काम आएं, इनकी तलाश हो, इसके लिए हम ‘नेशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन’ शुरू करने जा रहे हैं.

एसके/एबीएम