गुवाहाटी, 14 सितंबर . Prime Minister Narendra Modi ने Saturday को भारत के स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय रक्षा में योगदान के लिए देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र की सराहना की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस क्षेत्र के अनगिनत लोगों ने राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है.
Prime Minister मोदी ने यह बात भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की जन्म शताब्दी समारोह में बोलते हुए कही.
अपने संबोधन में Prime Minister मोदी ने याद दिलाया कि कैसे आजादी का अमृत महोत्सव जैसी पहल ने पूर्वोत्तर के गौरवशाली इतिहास को पुनर्जीवित करने और प्रदर्शित करने में मदद की है. इस पहल ने उन गुमनाम नायकों की कहानियों को सामने लाया है, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी और देश की सीमाओं की रक्षा की.
उन्होंने बताया कि दिल्ली में अष्टलक्ष्मी महोत्सव जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों की कलात्मक और साहित्यिक शक्ति को सामने लाया है, जिससे राष्ट्रीय मुख्यधारा में उनकी उपस्थिति मजबूत हुई है.
Prime Minister मोदी ने चीन के साथ 1962 के युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा कि भूपेन हजारिका के देशभक्ति गीतों ने सैनिकों और आम नागरिकों में साहस का संचार किया तथा राष्ट्रीय संकट के समय में उत्साह बनाए रखा.
Prime Minister मोदी ने कहा, “उन गीतों ने राष्ट्र में साहस और ऊर्जा का संचार किया और वह भावना आज भी जीवित है.”
उन्होंने आगे कहा कि असम और पूर्वोत्तर के लोगों का उत्साह, रचनात्मकता और देशभक्ति अब भी कम नहीं हुई है और यह नए भारत के निर्माण की दिशा में उनके जज्बे को दिखाता है.
पीएम मोदी ने कहा कि अभी कुछ दिन पूर्व ही आठ सितंबर को भूपेन हजारिका का जन्मदिवस बीता है. उस दिन मैंने भूपेन दा को समर्पित एक लेख में अपनी भावनाएं व्यक्त की थीं. मेरा सौभाग्य है कि उनके जन्म शताब्दी वर्ष के इस आयोजन में मुझे हिस्सा लेने का अवसर मिला है. ऐसे पवित्र अवसर पर आना यह मेरा सौभाग्य है. भूपेन दा को हम सभी प्यार से शुधा कॉन्ठो कहते थे. यह उन शुधा कॉन्ठो का जन्म शताब्दी वर्ष है, जिन्होंने भारत की भावनाओं को आवाज दी, जिन्होंने संगीत को संवेदना से जोड़ा, जिन्होंने संगीत में भारत के सपनों को संजोया और जिन्होंने मां गंगा से मां भारती की करुणा को अपने गायन के माध्यम से सुनाया.
उन्होंने आगे कहा कि भूपेन दा सशरीर हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनके गीत और स्वर आज भी भारत की विकास यात्रा के साक्षी बन रहे हैं, उसे ऊर्जा दे रहे हैं. हमारी सरकार बहुत गर्व से भूपेन दा के जन्म शताब्दी वर्ष को सेलिब्रेट कर रही है. हम भूपेन हजारिका के गीतों को, उनके संदेशों को और उनकी जीवन यात्रा को घर-घर ले जा रहे हैं. आज यहां उनकी बायोग्राफी भी रिलीज की गई है. मैं इस अवसर पर डॉ. भूपेन हजारिका को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं. मैं असम के भाई-बहनों के साथ ही हर भारतवासी को भूपेन दा के इस जन्म शताब्दी वर्ष पर बधाई देता हूं.
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एकेएस/डीकेपी