बीजेपी पर भड़के डोटासरा, कहा- जासूसी कैमरों के जरिए महिला विधायकों को देखते हैं देवनानी

jaipur, 13 सितंबर . राजस्थान की राजनीति इन दिनों विधानसभा में लगे कथित जासूसी कैमरों को लेकर गरमाई हुई है. यह मामला अभी थमा भी नहीं था कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर बेहद गंभीर और विवादित आरोप लगाकर नया बवाल खड़ा कर दिया.

डोटासरा ने से बातचीत में दावा किया कि विधानसभा अध्यक्ष अपने रेस्ट रूम में कैमरों के जरिए महिला विधायकों पर नजर रखते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि देवनानी महिला विधायकों की गतिविधियों को देखने के लिए विशेष फोकस करते हैं. डोटासरा ने तीखे शब्दों में कहा, ऐसा संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति अगर हमारी बहनों को देखने के लिए कैमरों का इस्तेमाल करता है तो यह शर्मनाक है. ऐसे व्यक्ति को तो डूब कर मर जाना चाहिए.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष कुछ चुनिंदा विधायकों पर विशेष नजर रखते हैं और महिलाओं पर अधिक फोकस करते हैं. उनका कहना था कि यह न केवल निजता का हनन है बल्कि संविधान और कानून की सीधी अवहेलना है. डोटासरा ने आरोप लगाया कि स्पीकर जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा ऐसा किया जाना लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या है.

उन्होंने कहा कि स्वयं वे भी विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने से बच रहे हैं क्योंकि ऐसे व्यक्ति को सामने देखकर ‘माननीय स्पीकर’ कहना उन्हें उचित नहीं लगता. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के एक विधायक ने सदन में धरने पर बैठे कांग्रेस विधायकों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की और स्पीकर चुपचाप बैठे रहे.

डोटासरा ने आगे कहा कि यह मामला केवल कांग्रेस विधायक टीकाराम जूली का नहीं है, बल्कि यह पूरी विधायिका की गरिमा और निजता से जुड़ा है. उन्होंने कहा कि जब सदन की कार्यवाही चलती है, तभी अध्यक्ष का अधिकार होता है, उसके बाद वे सिर्फ एक साधारण विधायक की तरह हैं. जिस स्पीकर ने अलग से शपथ नहीं ली, वह खुद को तानाशाह और हिटलर बनाना चाहता है. डोटासरा ने कहा कि सदन स्थगित होने पर वहां की स्थिति सड़क जैसी होती है, उस दौरान वहां कही बात का कोई मूल्य नहीं होता है, और तब वहां कैमरों से निगरानी करना पूरी तरह अवैध है.

उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस महिला विधायक इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विस्तार से बताएंगी कि आखिर क्यों विधानसभा स्पीकर उनकी जासूसी कर रहे हैं.

डोटासरा ने देश की मौजूदा परिस्थितियों पर चिंता जताते हुए कहा कि मीडिया की आवाज दबाई जा रही है, जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है और ईमानदार लोगों को झूठे मामलों में फंसाकर जेल भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और संविधान को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो आज नेपाल में जो हालात हैं, वैसी ही स्थिति भारत में भी पैदा हो जाएगी.

पीआईएम/जीकेटी