भारत में पुरानी परंपरा के अनुसार शुरू हुई न्याय व्यवस्था: सीएम मोहन यादव

इंदौर, 13 सितंबर . भारतीय कानून व्यवस्था में किए गए बदलाव को लेकर Madhya Pradesh के Chief Minister मोहन यादव ने कहा कि देश में पुरानी परंपरा के अनुसार कानून व्यवस्था लागू की गई है. Madhya Pradesh की व्यापारिक नगरी इंदौर में आयोजित विश्व हिंदू परिषद की अखिल भारतीय लीगल सेल की दो दिवसीय बैठक में Chief Minister मोहन यादव ने कहा कि हाल ही में बने नए कानून न्याय की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.

Chief Minister ने कहा कि ये नए कानून पुरानी व्यवस्था को बदलते हुए भारतीय परंपराओं और हजारों वर्षों से चली आ रही न्याय प्रणाली के अनुरूप हैं. उन्होंने बनारस में हरिश्चंद्र के समय से लेकर अब तक की न्याय परंपरा का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की ये परंपराएं ही अब नए कानूनों की नींव बन रही हैं.

Chief Minister ने विश्व हिंदू परिषद की कार्यशैली की तारीफ करते हुए कहा कि परिषद ने हमेशा महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया है. उन्होंने Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में देश में हुए बड़े बदलावों की सराहना की. साथ ही, कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी मुस्लिम महिलाओं के हक के लिए आवाज नहीं उठाई, जबकि भाजपा सरकार ने शहबानो मामले जैसे पुराने दाग को मिटाने का काम किया. Chief Minister ने हाल के न्यायालय के फैसलों की भी तारीफ की और उन्हें ऐतिहासिक बताया.

सीएम मोहन यादव ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब तक 60 हजार से अधिक लाउडस्पीकर हटाए गए हैं. धार्मिक आस्था के नाम पर किसी को भी कानून तोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी. खुले में मांस बेचने पर रोक लगाई गई है और लव जिहाद समेत अवैध गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है.

उन्होंने इशारों-इशारों में Bhopal के मछली परिवार के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर कहा कि मछली और मगर जैसे तत्वों को चिन्हित कर उनको ठिकाने लगाया गया है, साथ ही अवैध हवेलियों और संपत्तियों पर भी कार्रवाई हुई है.

राम और कृष्ण जन्मभूमि का उल्लेख करते हुए Chief Minister यादव ने कहा कि जब रामलला मुस्कुरा रहे हैं, तो कानूनी रूप से निश्चित ही कृष्ण कन्हैया भी मुस्कुराएंगे. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मथुरा में भी आनंद का अवसर आएगा.

एसएनपी/पीएसके