साजन प्रकाश : इतिहास रचने वाला भारतीय तैराक, जिसने वो कर दिखाया, जो पहले कभी न हुआ था

New Delhi, 13 सितंबर . साजन प्रकाश भारत के पहले ऐसे तैराक हैं, जिन्होंने ओलंपिक के लिए सीधे क्वालीफाई किया. उन्होंने रोम में 2021 सेटे कोली ट्रॉफी में पुरुषों की 200 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में 1:56.38 सेकंड में रेस पूरी करते हुए नेशनल रिकॉर्ड बनाया था.

14 सितंबर 1993 को इडुक्की (केरल) में जन्मे साजन प्रकाश की मां शांतिमोल ट्रैक एंड फील्ड एथलीट थीं. शांतिमोल जहां काम करतीं, उसमें एक स्विमिंग पूल था. महज 5 साल की उम्र में साजन प्रकाश ने उसी स्विमिंग पूल में पहली बार गोता लगाया. शुरू में तो साजन घबरा गए, लेकिन धीरे-धीरे तैराकी में उनकी रुचि विकसित होने लगी.

साजन के टैलेंट को देखते हुए परिवार ने उनका पूरा सपोर्ट किया. बेटे को तमिलनाडु के नेवेली सिटी स्विमिंग क्लब में दाखिल करवा दिया गया था, लेकिन जल्द ही साजन मशहूर तैराकी कोच प्रदीप कुमार से ट्रेनिंग लेने Bengaluru चले गए.

साजन प्रकाश शुरुआती दौर में शॉर्ट कोर्स तैराक थे, लेकिन कोच के कहने पर मेडली जैसे लंबे कोर्स के इवेंट पर फोकस करना शुरू किया. इसके साथ ही वह 200 मीटर बटरफ्लाई इवेंट के लिए भी मेहनत करते रहे.

भले ही साल 2014 में साजन प्रकाश को राष्ट्रमंडल खेल और एशियन गेम्स में हिस्सा लेने का मौका मिला, लेकिन साल 2015 के नेशनल गेम्स में उन्हें प्रसिद्धि मिल सकी, जहां उन्होंने आठ मेडल अपने नाम किए. इनमें 6 गोल्ड और 2 सिल्वर मेडल शामिल थे.

साजन प्रकाश के टैलेंट को देखते हुए उन्हें साल 2015 में थाईलैंड में ट्रेनिंग के लिए स्कॉलरशिप मिली. अगले ही साल उन्होंने गुवाहाटी में आयोजित एशियन गेम्स में तीन गोल्ड जीते.

साजन प्रकाश ने 200 मीटर बटरफ्लाई, 1500 मीटर फ्रीस्टाइल और 4×200 मीटर रिले में अपने सभी को पछाड़ दिया.

इसके बाद साजन प्रकाश को साल 2016 के रियो ओलंपिक में हिस्सा लेने का मौका मिला, जिसमें वह 200 मीटर बटरफ्लाई हीट में 28वें पायदान पर रहे.

रोम में आयोजित 2021 सेटे कोली ट्रॉफी में साजन प्रकाश ने 100 मीटर बैकस्ट्रोक, 200 मीटर बटरफ्लाई और 200 मीटर फ्रीस्टाइल में तीन नेशनल रिकॉर्ड तोड़े.

साजन प्रकाश की यह उपलब्धियां भारतीय तैराकी के लिए मील का पत्थर हैं. वह युवा पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं. तैराकी में उत्कृष्ट प्रदर्शन के चलते उन्हें साल 2024 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.

आरएसजी