गयाजी पितृपक्ष मेला में पिंडदानियों के लिए मददगार बना चिकित्सा शिविर, 40 हजार से ज्यादा श्रद्धालु ले चुके हैं लाभ

गयाजी, 13 सितंबर . मोक्षस्थली के रूप में चर्चित बिहार के गयाजी में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला में बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने पूर्वजों की मोक्ष और उनकी आत्मा की शांति की कामना के साथ पिंडदान और तर्पण करने पहुंच रहे हैं. पितरों की मोक्षस्थली गयाजी नगरी में छह सितंबर से चल रहे त्रिपाक्षिक श्राद्ध कर्म के लिए भारी भीड़ देखने को मिली.

इस बीच, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेला क्षेत्र और इसके आसपास के इलाकों में लगाया गया मुफ्त चिकित्सा शिविर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मददगार बन रहा है. जिला प्रशासन के मुताबिक, पितृपक्ष मेला के सफल संचालन के साथ-साथ श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से मेला क्षेत्र में व्यापक स्वास्थ्य व्यवस्था की गई है. अब तक 40,000 से अधिक श्रद्धालु विभिन्न स्वास्थ्य शिविरों में स्वास्थ्य सेवा का लाभ ले चुके हैं.

भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में असहाय, बीमार अथवा अधिक थकान महसूस करने वाले श्रद्धालुओं को एम्बुलेंस के माध्यम से तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया जा रहा है. शिविर में योग्य डॉक्टरों, नर्सों और पारा मेडिकल स्टाफ की टीम उपलब्ध है. गंभीर मरीजों के लिए ऑक्सीजन सपोर्ट जैसी जरूरी सुविधा उपलब्ध है. इन शिविरों में अधिकांश 24 घंटे कार्यरत हैं.

गयाजी के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने न्यूज एजेंसी को बताया कि मेला क्षेत्र और इसके नजदीकी क्षेत्रों में 66 चिकित्सा शिविर तथा चार मोबाइल टीमें कार्यरत हैं. भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में श्रद्धालुओं तक शीघ्र पहुंचने के लिए मोबाइल टीम की सेवा अत्यंत कारगर सिद्ध हो रही है.

उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की किसी प्रकार की स्वास्थ्य में गड़बड़ी के बाद मोबाइल टीम के माध्यम से तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया जा रहा है. आंकड़ों पर गौर करें तो प्रतिदिन इन शिविरों में लोग पहुंच रहे हैं और स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. गंभीर मरीजों को तुरंत बड़े अस्पतालों में रेफर भी किया जा रहा है. 6 सितंबर को इन चिकित्सा शिविरों में 1865 श्रद्धालुओं का इलाज किया गया जबकि 7 सितंबर को 4228, और 8 सितंबर को 6318 पिंडदानी जांच के लिए पहुंचे.

11 सितंबर को 9696 श्रद्धालु चिकित्सा शिविर में इलाज के लिए आए. जिलाधिकारी शशांक शुभंकर कहते हैं कि सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त रखी जा रही हैं, जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो. यह मेला 21 सितंबर तक चलेगा. पितृपक्ष में देश-विदेश से हजारों पिंडदानी अपने पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए गयाजी पहुंचते हैं. पिंडदानियों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिला प्रशासन और विभिन्न विभागों की ओर से व्यापक तैयारी की गई है. प्रत्येक वर्ष पितृपक्ष में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सनातन धर्म की परंपराओं के मुताबिक अपने पितरों के मोक्ष तथा शांति के लिए पिंडदान करने के लिए गयाजी आते हैं और पवित्र स्थानों पर स्थित वेदियों पर श्रद्धापूर्वक पिंडदान करते हैं.

एमएनपी/एएस