New Delhi, 13 सितंबर . नेपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ जेन-जी युवाओं के बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध-प्रदर्शन की आड़ में जेल से फरार हुए कैदियों की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी है. सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने अब तक 72 कैदियों को भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार कर लिया है. इनमें दो कैदियों को हाल ही में गिरफ्तार किया गया है. हालांकि, उनकी गिरफ्तारी का सटीक स्थान अभी सामने नहीं आया है.
एसएसबी अधिकारियों के अनुसार, ये सभी कैदी नेपाल में हालात बिगड़ने के दौरान जेल से भाग निकले थे और भारत-नेपाल सीमा पार करने की फिराक में थे. सुरक्षा बलों ने सीमा पर तैनात चौकियों से उन्हें पकड़ लिया. अधिकारियों का कहना है कि नेपाल की जेलों से भागे कैदियों की संख्या अब तक करीब 13 हजार से अधिक हो चुकी है, जो भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती पैदा कर सकती है. भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी ने गश्त और निगरानी को और कड़ा कर दिया है. संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और स्थानीय खुफिया तंत्र को भी अलर्ट कर दिया गया है.
आपको बताते चलें, चार सितंबर को नेपाली सरकार ने देश में social media पर बैन लगा दिया था. इसके विरोध में जेन-जी ने सड़क पर उतरकर सरकार के इस फैसले का विरोध किया. युवाओं ने social media पर लगे प्रतिबंध के अलावा भ्रष्टाचार के खिलाफ भी विरोध किया. इस वजह से नेपाल के Prime Minister केपी शर्मा ओली सहित कई मंत्रियों को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. दूसरी तरफ, जेन-जी युवाओं का कहना है कि नेपाल जब तक भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं हो जाता है, तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा.
इसी बीच, नेपाल के युवाओं के विरोध प्रदर्शन की वजह से अब वहां पर स्थिति हिंसात्मक हो चुकी है. इसी को देखते हुए अब यह वैश्विक मंच पर भी चर्चा का विषय बन गया है.
Government of India ने भी नेपाल में बनी अराजक स्थिति को ध्यान में रखते हुए बयान जारी किया और कहा कि हमने वहां की स्थिति पर करीब से नजर बनाकर रखी है. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि वहां पर रहे हमारे भारतीय नागरिकों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हो. सभी वहां पर सकुशल रहे.
इसके अलावा, भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने निर्देश में वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों से अपील की है कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती है, तब तक सभी अपने घरों पर ही रहें.
–
पीएसके