New Delhi, 12 सितंबर . संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने चार्ली किर्क हत्या मामले में एक नया वीडियो जारी किया है, जिसमें रूढ़िवादी कार्यकर्ता को गोली लगने के कुछ ही देर बाद एक संदिग्ध घटनास्थल से भागता हुआ दिखाई दे रहा है.
वीडियो में संदिग्ध को गोलीबारी के बाद छत पर भागते, किनारे से नीचे उतरते और फिर यूटा वैली विश्वविद्यालय परिसर के एक जंगली क्षेत्र में प्रवेश करते हुए देखा जा सकता है.
एफबीआई ने एक बयान में कहा कि 10 सितंबर को माउंटेन टाइम के अनुसार दोपहर लगभग 12 बजे, वह व्यक्ति एक छत पर चढ़ गया. चार्ली किर्क को गोली मारने के बाद, वह नीचे से कूदकर भाग गया. उसने विश्वविद्यालय के पास एक जंगली इलाके में बंदूक और गोला-बारूद छोड़ दिया.
बयान में आगे कहा गया कि छत पर हुई घटना से एकत्र किए गए साक्ष्यों में जूते के निशान, बांह के निशान और हथेली के निशान शामिल हैं. इस मामले से जुड़ी कोई भी जानकारी होने पर लोग एफबीआई को कॉल कर सकते हैं या वेबसाइट पर जाकर जानकारी दे सकते हैं.
वीडियो में संदिग्ध काले रंग की फुल शर्ट, टोपी, चश्मा और बैग पहने हुए दिखाई दे रहा है.
संदिग्ध के बारे में अधिक सुराग पाने के लिए अपराध स्थल की डीएनए जांच की गई.
यूटा के गवर्नर ने Friday को एक ब्रीफिंग में कहा कि इंटरनेट पर गलत और झूठी खबरें फैल रही हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि ऐसी बातें आगे न फैलाएं. उन्होंने कहा कि चार्ली ने ठीक कहा कि जब हालात खराब हों, तो हमें फोन नीचे रखकर अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहिए. हमारे दुश्मन चाहते हैं कि हिंसा हो.
इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस के पास एक संदिग्ध व्यक्ति का नाम है.
हत्यारे को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. पुलिस को अब तक 200 से ज्यादा सूचनाएं और सुराग मिले हैं और कई पहलुओं पर जांच चल रही है.
एफबीआई ने संदिग्ध की गिरफ्तारी में सहायक सूचना देने पर 1 लाख डॉलर का इनाम देने की घोषणा की है.
31 वर्षीय किर्क Wednesday को यूटा वैली यूनिवर्सिटी में एक कैंपस कार्यक्रम में भाषण दे रहे थे, तभी अचानक गोली चली. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कुछ ही देर बाद उनकी मौत हो गई.
किर्क देश के सबसे प्रमुख रूढ़िवादी छात्र संगठन टर्निंग पॉइंट यूएसए (टीपीयूएसए) के संस्थापक थे. उन्होंने 2012 में 18 साल की उम्र में एरिजोना स्थित इस समूह की शुरुआत की और इसे अमेरिकी कॉलेजों में 800 से ज्यादा शाखाओं के साथ एक राजनीतिक शक्ति के रूप में स्थापित किया.
टीपीयूएसए युवा रूढ़िवादी मतदाताओं को संगठित करने में एक केंद्रीय शक्ति बन गया, खासकर 2024 के चुनाव में, जहां इसने ट्रंप के पुनर्निर्वाचन अभियान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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पीएसके