सीएम नीतीश कुमार का चेहरा बेदाग, जंगलराज को नहीं भूली जनता : गिरिराज सिंह

बेगूसराय, 11 सितंबर . Union Minister गिरिराज सिंह ने Thursday को राजद नेता तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने लालू यादव के जंगलराज का जिक्र करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में Chief Minister आवास से अपराध की योजना बनती थी. उनको कानून व्यवस्था के मोर्चे पर बात करने का नैतिक अधिकार नहीं है.

गिरिराज सिंह ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा, “तेजस्वी यादव नीतीश कुमार की बराबरी करना चाहते हैं, लेकिन वो इसमें सफल नहीं होंगे. नीतीश कुमार 20 साल से Chief Minister हैं, उन पर न चारा घोटाले का आरोप लगा, न ही नौकरी के बदले जमीन लेने का. लेकिन अपराध की योजना जो पहले Chief Minister आवास से बनती थी, वही सोच आज तेजस्वी यादव के मन में है.”

गिरिराज सिह ने तेजस्वी यादव पर झूठ बोलकर सच छुपाने का आरोप लगाया और कहा कि लालू यादव के शासनकाल में बिहार में “जंगल राज” था, जिसे कोई नहीं भूल सकता. तेजस्वी यादव चाहते हैं कि झूठ बोलकर सच को दबा दें, लेकिन बिहार और देश की जनता लालू यादव के समय के जंगल राज को नहीं भूल सकती.

राहुल गांधी की सुरक्षा चूक को लेकर सीआरपीएफ के वीवीआईपी सिक्योरिटी प्रमुख सुनील जून ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी को पत्र लिखा. पत्र में राहुल पर सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन न करने का आरोप लगाया गया. इस मुद्दे पर उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को सुरक्षा दी जाती है, लेकिन वे सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते. 9 महीने में 6 बार विदेश गए, इसकी जांच होनी चाहिए. अगर वे व्यक्तिगत संबंधों के लिए जाते हैं, तो इसका खुलासा करें. नहीं तो सरकार को जांच कमेटी बनाकर यह पता लगाना चाहिए कि वे कहां जाते हैं और क्या करते हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “जो छुपाता है, वही संदिग्ध होता है. अगर राहुल संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हैं, तो इसकी जांच जरूरी है.”

राहुल गांधी की ओर से “वोट चोरी” के आरोपों पर पलटवार करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा, “राहुल गांधी थेथरोलॉजी करते हैं. हारते हैं तो ईवीएम को दोष देते हैं, जीतते हैं तो चुप रहते हैं. उपराष्ट्रपति चुनाव में बैलेट पेपर से भी हारे, फिर वोट कहां गया? इंडी गठबंधन में कई लोग राहुल को नहीं चाहते थे, उन्होंने एनडीए को वोट दिया. राहुल ने दावा किया था कि 318 वोट मिलेंगे, फिर 18 वोट कहां गए? बैलेट पेपर में भी वोट चोरी का इल्जाम लगाते हैं, लेकिन कोई उन पर भरोसा नहीं करता.”

एकेएस/जीकेटी