इन्वेस्टमेंट और डिफेंस इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर बनेंगे यूपी के विकास की रीढ़

Lucknow, 11 सितंबर . उत्तर प्रदेश अगले 22 वर्षों में एक नए औद्योगिक और सामरिक अवतार में ढलने की ओर अग्रसर है. Prime Minister Narendra Modi की मंशा के अनुरूप Chief Minister योगी आदित्यनाथ के विजन ‘विकसित यूपी 2047’ के अंतर्गत प्रदेश को छह ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

इसमें निवेश और रक्षा उद्योग दो ऐसे स्तंभ हैं, जो न केवल प्रदेश की समृद्धि बल्कि पूरे देश की आत्मनिर्भरता का आधार बनेंगे. 2017 से पहले उत्तर प्रदेश निवेश और उद्योग के क्षेत्र में पिछड़े राज्यों में गिना जाता था.

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की स्थिति बेहद सीमित थी और रक्षा क्षेत्र में निजी भागीदारी लगभग नगण्य थी. न तो निवेशकों को सुरक्षित वातावरण मिलता था और न ही पर्याप्त नीति समर्थन. बीते साढ़े आठ साल में यूपी ने निवेश के क्षेत्र में ऐतिहासिक छलांग लगाई है. प्रदेश को अब तक 45 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 15 लाख करोड़ रुपए से अधिक को धरातल पर उतारा जा चुका है. इसके परिणामस्वरूप 60 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार और लाखों परिवारों को स्वरोजगार मिला है.

फरवरी 2024 में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के दौरान ही 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों का क्रियान्वयन शुरू हुआ. यूपी ने उद्यमियों के लिए 33 सेक्टरल नीतियां लागू कीं और ‘निवेश मित्र’ जैसे डिजिटल प्लेटफार्म को शुरू किया, जो देश का सबसे कुशल सिंगल विंडो पोर्टल बन चुका है. प्रदेश में टेक्सटाइल, लेदर, प्लास्टिक, परफ्यूम, केमिकल और फार्मा पार्क तेजी से विकसित हो रहे हैं. हरदोई-Kanpur में लेदर क्लस्टर, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क और कन्नौज में परफ्यूम पार्क प्रदेश को उद्योग का नया हब बना रहे हैं. आज यूपी देश का सबसे बड़ा एमएसएमई केंद्र है, जहां 96 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयां कार्यरत हैं.

फरवरी 2018 में Prime Minister Narendra Modi द्वारा घोषित डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर ने यूपी को सामरिक मजबूती का केंद्र बना दिया है. आगरा, अलीगढ़, Kanpur, Lucknow, झांसी और चित्रकूट में स्थापित छह नोड्स पर तेजी से काम हो रहा है. यूपी में अब तक 170 से अधिक एमओयू साइन हुए हैं, जिनसे 28 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश और 4600 से अधिक रोजगार का वादा है.

इनमें अदाणी, एआर पॉलिमर, वैरिविन डिफेंस, एमिटेक इंडस्ट्रीज, और ब्रह्मोस जैसी नामचीन डिफेंस सेक्टर की कंपनियां कार्य शुरू कर चुकी हैं. जैसे, Kanpur में बुलेटप्रूफ जैकेट और आधुनिक सैन्य सामग्री का उत्पादन हो रहा है.

अलीगढ़ में स्मॉल आर्म्स और राडार तकनीक पर काम चल रहा है. सबसे बड़ी उपलब्धि है Lucknow में ब्रह्मोस मिसाइल का उत्पादन, जो प्रदेश को वैश्विक स्तर पर रक्षा उत्पादन का हब बनाएगा. रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए आईआईटी Kanpur और आईआईटी बीएचयू से समझौता किया है. ये संस्थान रक्षा निवेशकों को अनुसंधान एवं विकास, स्टार्टअप्स को इनक्यूबेशन, और नई तकनीक उपलब्ध कराने में मदद कर रहे हैं.

Chief Minister योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट विजन है कि यूपी को मैन्युफैक्चरिंग एक्सपोर्ट और एफडीआई में देश में प्रथम स्थान दिलाना है. 2047 तक यूपी में फॉर्च्यून ग्लोबल 500 की कम से कम 5 कंपनियां मुख्यालय स्थापित करें, इसके लिए रणनीतिक स्तंभ तय किए गए हैं. इनमें एयरोस्पेस, डिफेंस प्रोडक्शन, अपैरल, ईवी और सेमीकंडक्टर सेक्टर को सबसे अधिक वरीयता दी जा रही है. फिलहाल यूपी की जीएसडीपी करीब 353 बिलियन डॉलर है. लक्ष्य है कि 2030 तक इसे वन ट्रिलियन डॉलर, 2036 तक दो ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक छह ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचना है. इसके लिए प्रदेश को 16 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर बनाए रखनी होगी. इसमें निवेश और रक्षा उद्योग दोनों प्रमुख आधार स्तंभ होंगे.

विकेटी/एसके