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Maharashtra, 11 सितंबर . भारत-Pakistan क्रिकेट मैच को लेकर Maharashtra की राजनीति में तीखी बहस छिड़ गई है. एनसीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद आनंद परांजपे ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद आम जनता की भावना यही है कि Pakistan क्रिकेट टीम को India बुलाकर कोई भी वन टू वन सीरीज नहीं खेली जानी चाहिए.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में Pakistan हिस्सा लेता है और India को मैच खेलना पड़ता है तो इसमें कुछ गलत नहीं है. उन्होंने विश्वास जताया कि Prime Minister Narendra Modi और केंद्र Government जनभावनाओं का सम्मान करेंगे और Pakistan के साथ द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेलेंगे.
दूसरी ओर, Chief Minister देवेंद्र फडणवीस ने विपक्षी दलों के बयानों को गंभीरता से लेने से इनकार किया और कहा कि ऐसे मुद्दों पर समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं है.
वहीं, सुप्रिया सुले ने Government पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पहले ‘खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते’ की बात कही गई थी, तो अब ऐसा क्या बदल गया कि खेलने की इजाजत दी जा रही है? उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के वक्त कही गई हर एक बात मुझे याद है, तब देश की 3 बेंच की कमेटी ने यह कहा था कि हम खून और पानी एक साथ बहने नहीं देंगे, लेकिन अब ऐसा क्या हुआ है कि इस मैच के लिए Government ने सहमति दे दी है? पहलगाम आतंकी हमले के जिम्मेदार आतंकियों के देश के साथ मैच खेला जाना हैरानी की बात है.
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब Prime Minister और रक्षा मंत्री Pakistan की कमर तोड़ने की बात कर चुके हैं तो अब ‘खून और क्रिकेट’ एक साथ कैसे हो सकते हैं? उन्होंने इस मैच को जनभावनाओं के खिलाफ बताते हुए इसे देशद्रोह करार दिया और शिवसेना महिला आघाड़ी द्वारा 14 तारीख को आंदोलन की घोषणा की. ‘मेरा सिंदूर, मेरा देश’ और ‘सिंदूर के सम्मान में शिवसेना मैदान में’ जैसे नारे आंदोलन का हिस्सा होंगे.
राउत ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के बच्चे अबू धाबी जाकर मैच का आनंद लेंगे, जबकि आम जनता के परिवार आतंकवाद से पीड़ित हैं. उन्होंने याद दिलाया कि बाला साहेब ठाकरे हमेशा भारत-Pakistan के बीच मैच का विरोध करते थे और यह परंपरा जारी रहनी चाहिए.
पीआईएम/डीएससी