दुबई में शुरू हुआ आईआईएम अहमदाबाद कैंपस, शिक्षा वैश्वीकरण की दिशा में बड़ा कदम

New Delhi, 11 सितंबर . उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारत ने दुबई में एक बड़ी पहल की है. दुबई में Thursday को इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) Ahmedabad के विदेशी कैंपस का उद्घाटन किया गया. आईआईएम Ahmedabad के इस अंतरराष्ट्रीय कैंपस का उद्घाटन दुबई के क्राउन प्रिंस, महामहिम शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम द्वारा किया गया. इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे. यह आईआईएम Ahmedabad का पहला विदेशी कैंपस है.

गौरतलब है कि अबू धाबी में इससे पहले आईआईटी दिल्ली का विदेशी कैंपस शुरू किया जा चुका है. आईआईटी के उपरांत अब भारत दुबई में मैनेजमेंट संबंधी शिक्षा में अपना योगदान देगा.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दुबई में आईआईएम Ahmedabad के अंतरराष्ट्रीय कैंपस के उद्घाटन पर कहा कि यह भारतीय शिक्षा जगत के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है. यह पहल Prime Minister Narendra Modi की शिक्षा के वैश्वीकरण की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक और बड़ा कदम है. दुबई का यह अंतरराष्ट्रीय कैंपस ‘भारतीय स्पिरिट व वैश्विक दृष्टिकोण’ की भावना को मजबूती से स्थापित करेगा.

उन्होंने कहा कि यह भारतीय कैंपस भारत के श्रेष्ठ शैक्षिक मूल्यों को पूरी दुनिया तक ले जाएगा. दुबई ने इस कैंपस की मेजबानी करके भारत-यूएई ज्ञान सहयोग के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया है.

वहीं शिक्षाविदों का मानना है कि दुबई में आईआईएम Ahmedabad का यह अंतरराष्ट्रीय कैंपस न केवल भारत-यूएई शैक्षिक सहयोग को नई ऊंचाई देगा, बल्कि भारतीय शिक्षा को वैश्विक मंच पर और अधिक प्रभावी भी बनाएगा.

इससे पहले Thursday को ही दुबई में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यूएई के कार्यवाहक उच्च शिक्षा एवं वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्री महामहिम डॉ. अब्दुलरहमान अब्दुलमन्नान अल अवार से भेंट की. बैठक में दोनों नेताओं ने उच्च शिक्षा में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की और इसे घनिष्ठ बनाने पर सहमति व्यक्त की. चर्चाओं में विशेष रूप से महत्वपूर्ण एवं उभरते क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान को प्रोत्साहन की बात कही गई.

इस वार्ता में क्षमता निर्माण पर बल दिया गया और दोतरफा सांस्कृतिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की बात कही गई. भारत के शैक्षणिक संस्थानों की दुबई में अहम भूमिका की सराहना की गई. इसके अलावा यूएई में और अधिक उच्च-स्तरीय भारतीय शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना हेतु समर्थन को भी दोहराया गया.

Union Minister धर्मेंद्र प्रधान ने महामहिम अलअवार का आभार जताते हुए कहा कि भारतीय शैक्षणिक संस्थान न केवल पारस्परिक प्राथमिकताओं को आगे बढ़ा रहे हैं, बल्कि वैश्विक संपर्क और ज्ञान नवाचार में भी महत्त्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं.

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत वैश्विक प्रतिभा का हॉटस्पॉट है, वहीं यूएई वैश्विक आर्थिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है. दोनों देश आपसी संपर्क को मजबूत करने और अपने प्राचीन, गहरे रिश्तों को और सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने दुबई में भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के शैक्षणिक नेतृत्व के साथ राउंड टेबल चर्चा में भी भाग लिया. इसमें उनके शैक्षणिक दृष्टिकोण और भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श हुआ.

यह चर्चा के दौरान अनुसंधान मूल्य श्रृंखला को केवल शोधपत्र प्रकाशन तक सीमित न रखकर उत्पाद विकास और बाजार तक पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया. वैश्विक शिक्षा, नवाचार और उद्यमिता के मानचित्र पर ब्रांड इंडिया को मजबूत बनाने पर भी गहन चर्चा हुई.

जीसीबी/एसके