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गयाजी, 11 सितंबर . बिहार के गयाजी में चल रहे विश्व प्रसिद्ध पितृ पक्ष महासंगम में इस समय देश और दुनिया से लोग अपने पूर्वजों को मोक्ष और शांति दिलाने के लिए पिंडदान करने आए हैं. इसी बीच, नेपाल में Government और जनता के बीच हिंसक झड़प के बाद नेपाल से आए लोगों की चिंता बढ़ गई है.
नेपाल के सुदूर पश्चिमी जिले कलाली धनगढ़ी के रहने वाले एक पिंडदानी दल बहादुर साउंड ने अपनी चिंता व्यक्त की. उन्होंने आईएनएस से बात करते हुए कहा, “वह अपने पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए गयाजी आए हैं, लेकिन नेपाल के वर्तमान हालात से बहुत डरे हुए हैं. उन्हें अपने परिवार और वहां के लोगों की चिंता सता रही है. जिस तरह से वहां के हालात बिगड़ रहे हैं, लोगों की चिंता बढ़ती जा रही है. हम लोगों को यहां आए पांच दिन हो गए हैं. हम लोगों का देश बर्बाद हो रहा है, लोग मर रहे हैं. Government की तरफ से नेट और social media बंद करने की वजह से ज्यादा हिंसा हुई है.”
दल बहादुर ने बताया कि वहां से नेता भाग गए हैं. नेपाल में Government और जनता के बीच हिंसक झड़प, आगजनी, लाठीचार्ज और मारपीट की घटनाएं हुई हैं, जिसमें कई लोगों की जान गई है. भारत-नेपाल सीमा बंद होने से उन्हें वापस जाने की चिंता सता रही है. Government की गलती की वजह से ही आज देश की हालत इस तरह हुई है. उनके पास मोबाइल फोन नहीं है, जिसकी वजह से उनका अपने परिवार से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है. उन्हें अपने और अपने परिवार वालों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता है.
उन्होंने बताया कि वहां की संसद कई महीनों से नहीं चल रही थी और Government जनता के मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही थी. जनता का गुस्सा तब और बढ़ गया जब Government ने इंटरनेट, फेसबुक और टीवी चैनल बंद कर दिए.
उन्होंने यह भी बताया कि हिंसक झड़प की शुरुआत काठमांडू से हुई और फिर यह पूरे देश में फैल गई. उन्होंने India और नेपाल के बीच ‘भाई-भाई’ के संबंध का हवाला देते हुए नेपाल में शांति की कामना की और उम्मीद जताई कि वहां Government बदल जाए ताकि अमन और शांति लौट सके.
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सार्थक/एबीएम