नेपाल में नई पीढ़ी के नेतृत्व की मांग, ‘हमें भी पीएम मोदी जैसा नेता चाहिए’

काठमांडू, 11 सितंबर . नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल और जन आंदोलन के बीच अंतरिम सरकार पर विचार-विमर्श होने लगा है. इसमें अहम यह है कि नेपाल में लोगों के बीच भारतीय पीएम Narendra Modi जैसे चेहरे की मांग उठ रही है. कई नागरिकों ने भारत के Prime Minister Narendra Modi जैसे नेतृत्व की तुलना करते हुए नेपाल में भी समान दृष्टिकोण वाले नेता की जरूरत पर जोर दिया है.

काठमांडू के एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमें पीएम मोदी जैसे Prime Minister की जरूरत है, जो देश के लिए सोचता हो और उसे प्रगति की ओर ले जाए. हम पीएम मोदी का समर्थन करते हैं और नेपाल में भी ऐसा ही नेता चाहते हैं.”

यह बयान नेपाल में चल रहे जन आंदोलन और पूर्व Prime Minister केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद आए राजनीतिक संकट के बीच सामने आया है.

काठमांडू के एक स्थानीय युवक ने से बातचीत में कहा, “अभी जो चाहा था, वही हो रहा है और अच्छा हो रहा है. बुरा वक्त जा चुका है. यह यूथ के लिए बड़ी बात है कि 35 घंटे में सरकार बदल गई. हमें अब कुछ दिन के लिए अंतरिम Prime Minister चाहिए. हमें यह भी सोचना पड़ेगा कि कुछ दिनों बाद चुनाव हों और इसके बाद Prime Minister चुना जाए.”

उन्होंने यह भी कहा, “हमें Prime Minister मोदी जैसे प्रमुख की जरूरत है, जो देश के बारे में सोचे और उसकी प्रगति में योगदान दे. हम Prime Minister मोदी का समर्थन करते हैं और नेपाल में भी Prime Minister के रूप में ऐसा ही नेता चाहते हैं.”

हालांकि, नेपाल के अंतरिम Prime Minister के रूप में पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम पर कुछ स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई. एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा, “सुशीला कार्की Prime Minister नहीं बन सकतीं, क्योंकि वह पहले ही विवादों में रह चुकी हैं. लोग सुशीला कार्की को नहीं चाहते. वे नई पीढ़ी से एक नया नेता चाहते हैं.”

एक और स्थानीय युवक ने कहा, “सुशीला कार्की नेपाल की Prime Minister नहीं बनेंगी. उनकी जगह बालेंद्र शाह, धरन, कुलमन घीसिंग और गोपी हमाल जैसे नेताओं को नेपाल का Prime Minister बनना चाहिए, क्योंकि सुशीला कार्की की भूमिका से देश में सिर्फ राजनीति ही आएगी.”

एक अन्य नागरिक ने एकता और राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत पर बल देते हुए कहा, “देश को वर्तमान में एक ऐसे युवा Prime Minister की जरूरत है, जो सभी को एकजुट कर सके. हाल ही में एक बड़ा आंदोलन हुआ है. सभी नेताओं को व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के बजाय राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और नेपाल की प्रगति के लिए मिलकर काम करना चाहिए.”

डीसीएच/एबीएम