अमरूद बाग मुआवजा घोटाले में बड़ी कार्रवाई, 9.87 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क

जालंधर, 10 सितंबर . Enforcement Directorate (ईडी) ने अमरूद बाग मुआवजा घोटाले से संबंधित धन शोधन जांच के संबंध में पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत बड़ी कार्रवाई की. ईडी ने 9.87 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की.

ईडी के जालंधर जोनल कार्यालय ने पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत विकास भंडारी, भूपिंदर सिंह, रितिका भंडारी, करम सिंह और गुरदीप सिंह की लगभग 9.87 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों और शेयरों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है.

ईडी ने पंजाब के सतर्कता ब्यूरो द्वारा भूपिंदर सिंह, विकास भंडारी और अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज First Information Report के आधार पर जांच शुरू की.

ईडी की जांच से पता चला कि निजी व्यक्तियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर उस जमीन पर अमरूद के बागों के बदले गलत मुआवजा हासिल किया, जिसे ग्रेटर मोहाली क्षेत्र विकास प्राधिकरण (जीएमएडीए), पंजाब द्वारा एसएएस नगर, मोहाली में आईटी सिटी के पास एयरोट्रोपोलिस आवासीय परियोजना की स्थापना के लिए अधिग्रहित किया जाना था.

ईडी के मुताबिक, गलत तरीके से अधिकतम मुआवजा पाने के लिए अमरूद के पेड़ उस जमीन पर दिखाए गए जहां वे मौजूद नहीं थे, पेड़ों का घनत्व अधिक दिखाया गया, उनकी उम्र और अन्य तरीके दिखाए गए, जिससे मुआवजा राशि बढ़ जाती. उक्त उद्देश्य के लिए, उन्होंने राजस्व अधिकारियों और बागवानी विकास अधिकारियों के साथ मिलीभगत की और राजस्व रिकॉर्ड में जालसाजी की और अनुकूल रिपोर्ट तैयार की. यह भी पता चला है कि विकास भंडारी ने गलत मुआवजा प्राप्त करने के बाद पीओसी को अपनी पत्नी रितिका भंडारी और अपने सहयोगियों भूपिंदर सिंह, करम सिंह और गुरदीप सिंह के नाम कर दिया. तदनुसार, उनकी अचल संपत्तियां और स्टॉक के रूप में अस्थायी रूप से कुर्क कर ली गई हैं.

इससे पहले, ईडी की पणजी जोनल ऑफिस ने 9 और 10 सितंबर को गोवा और हैदराबाद में 13 आवासीय एवं व्यावसायिक संपत्तियों पर छापेमारी की. यह छापेमारी यशवंत सावंत और अन्य के खिलाफ की गई है, जो गोवा के कम्यूनिडेड लैंड के अवैध कब्जे से जुड़े मामले में आरोपी हैं. कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई.

एएसएच/डीएससी