Patna, 10 सितंबर . नेपाल में जारी उथल-पुथल के बीच बिहार के उपChief Minister सम्राट चौधरी ने Wednesday को पड़ोसी देश की स्थिति के लिए कांग्रेस पार्टी को जिम्मेदार ठहराया.
Patna में पत्रकारों से बात करते हुए उपChief Minister सम्राट चौधरी ने कहा, “नेपाल में आज की अराजकता केवल कांग्रेस पार्टी की गलतियों के कारण है. अगर नेपाल भारत का हिस्सा होता, तो ऐसी उथल-पुथल नहीं होती. कांग्रेस ने इन पड़ोसी देशों को अलग किया. अगर नेपाल भारत का हिस्सा होता, तो वह एक शांतिपूर्ण और समृद्ध राष्ट्र होता. यही बात पाकिस्तान पर भी लागू होती है.”
Tuesday को Prime Minister केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद, काठमांडू सहित पूरे देश में जेन जेड के नेतृत्व में हिंसक विरोध प्रदर्शन फैलने के बाद, नेपाल एक गहरे राजनीतिक संकट में फंस गया है. social media पर प्रतिबंधों और कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुआ प्रदर्शन जल्द ही हिंसक हो गया, जो बांग्लादेश में हाल ही में हुई अशांति की याद दिलाता है.
प्रदर्शनकारियों ने संसद, Prime Minister कार्यालय और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, पूर्व प्रधानमंत्रियों और स्वयं ओली के आवासों पर हमला किया. कई सरकारी इमारतों, स्कूलों और मंत्रियों के घरों में आग लगा दी गई और कई लोग घायल हुए हैं. इस स्थिति के कारण अधिकारियों को त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट को बंद करना पड़ा, जिससे हवाई यातायात बाधित हुआ.
उपChief Minister सम्राट चौधरी की टिप्पणी ने नया बहस शुरु कर दिया है.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पुस्तक ‘द प्रेसिडेंशियल इयर्स’ के अनुसार, नेपाल के राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह ने एक बार नेपाल का भारत में विलय करने का प्रस्ताव रखा था.
1940 के दशक के अंत में, चीन की साम्यवादी क्रांति और 1950 में तिब्बत पर उसके कब्जे से चिंतित, राजा त्रिभुवन ने तत्कालीन Prime Minister जवाहरलाल नेहरू से विलय का अनुरोध किया. हालांकि, नेहरू ने इस विचार को यह तर्क देते हुए अस्वीकार कर दिया कि नेपाल को एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक राष्ट्र बने रहना चाहिए.
उस समय, नेपाल राजनीतिक उथल-पुथल से गुजर रहा था. 1846 से शासन कर रही राणा शासन व्यवस्था 1951 में ध्वस्त हो गई, जिससे राजा त्रिभुवन के अधीन एक संवैधानिक राजतंत्र का मार्ग प्रशस्त हुआ.
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एससीएच