इंडी अलायंस देश में हिंसक प्रदर्शनों को बढ़ावा देने के पक्ष में है: संजय निरुपम

Mumbai , 10 सितंबर . नेपाल में जेन जी के विरोध प्रदर्शन पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत के social media पोस्ट पर शिवसेना नेता संजय निरुपम ने पलटवार करते हुए कहा कि इंडी अलायंस भारत में हिंसक प्रदर्शन करने के पक्षधर हैं.

शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए नेपाल की अशांति को भारत के संदर्भ में चेतावनी के रूप में पेश किया. उन्होंने लिखा कि यह किसी भी देश में हो सकता है और Prime Minister Narendra Modi तथा भाजपा को टैग किया.

इस पर शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने पलटवार किया. निरुपम ने कहा कि इंडिया ब्लॉक भारत में हिंसक प्रदर्शनों के पक्षधर हैं. उन्होंने राउत के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए आरोप लगाया कि विपक्ष ऐसी घटनाओं को लेकर लोगों को भड़काने का काम करता है.

उन्होंने संजय राउत के एक पोस्ट पर कहा कि ये जनाब, रोज़ झूठ परोसते-परोसते थक गए. अब नेपाल के बहाने भारत में हिंसा भड़काने का ख़्वाब देख रहे हैं. इंडिया गठबंधन ने संविधान की लाल किताब से यही प्रेरणा ली है? यह देशद्रोह नहीं तो क्या है? क्या संविधान देशद्रोह की इजाजत देता है?

शिवसेना नेता संजय निरुपम ने आगे चेतावनी देते हुए कहा कि अगर राउत 24 घंटे के भीतर अपना बयान वापस नहीं लेते हैं तो वह पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराएंगे. उन्होंने कहा कि मैंने सरकार से बात की है और अनुरोध किया है कि राउत पर एक्शन लिया जाए. Mumbai पुलिस को एक्शन लेना चाहिए. संजय राउत का बयान देश विरोधी है और संविधान की आत्मा के खिलाफ है.

उन्होंने कहा कि राउत ने social media पोस्टों में पीएम मोदी को टैग किया और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को टैग किया. इससे साफ होता है कि वह भारत में हिंसक प्रदर्शन चाहते हैं, लेकिन भारत में यह संभव नहीं है.

शिवसेना नेता ने पीएम मोदी की लोकप्रियता का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के लोगों में पीएम मोदी के प्रति विश्वास बढ़ता जा रहा है और लोकप्रियता के मामले में पीएम मोदी गत वर्षों की तुलना में अधिक लोकप्रिय हैं. यह सब देखकर इंडिया ब्लॉक में कुंठा पैदा हो गई है. भारत कभी भी हिंसक प्रदर्शन बर्दाश्त नहीं करेगा. भारत एक सभ्य देश है. अगर किसी को अपनी बात रखनी है तो संविधान और कानून के अनुसार रख सकता है. हिंसा भड़काने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा.

नेपाल में जेनरेशन जेड के विरोध प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि नेपाल में जो हुआ वह एक आंतरिक मामला है, लेकिन एक लोकतांत्रिक और मानवीय पर्यवेक्षक के रूप में, मैं ऐसी सभी हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं. मैं नेपाल के लोगों से अपील करता हूं कि राष्ट्रीय संपत्ति को नष्ट करने से कुछ हासिल नहीं होगा. सरकार बदलने के लोकतांत्रिक तरीके मौजूद हैं. इस हिंसक स्थिति को भारत सहित कहीं और दोहराया या प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए.

उपराष्ट्रपति चुनाव पर शिवसेना प्रवक्ता ने कहा कि सुबह से विपक्षी नेताओं ने एनडीए की हार की धारणा फैलाई, भाजपा में असंतोष और पीएम मोदी के नियंत्रण पर कमजोर होने के दावे किए. लेकिन शाम के नतीजों ने उनके मुंह पर तमाचा मारा. निरुपम ने दावा किया कि कुल स्ट्रेंथ 436 थी, लेकिन राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जो क्रॉस वोटिंग का संकेत है. विशेष रूप से, शिवसेना (यूबीटी) के 5 सांसदों के वोट एनडीए के पक्ष में पड़े, जो हमारे संपर्क में थे. विपक्ष को 315 वोट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन 300 ही मिले, जिससे क्रॉस वोटिंग या एकजुटता की कमी साफ हुई.

शिवसेना नेता ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के सांसदों में उनके प्रति प्रचंड नाराजगी का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि उद्धव के कामकाज का रवैया सुधरा नहीं है और संजय राउत अपने नेताओं से संवाद न करने के कारण असंतोष बढ़ा है. उनके सांसद हमारी सेना और भाजपा दोनों के साथ हैं, वे जल्द हमारे साथ आ जाएंगे.

डीकेएम/डीएससी