मद्रास हाईकोर्ट ने मतदाता सूची में हेराफेरी की याचिका ठुकराई, एक लाख का जुर्माना लगाया

चेन्नई, 10 सितंबर . मद्रास हाईकोर्ट ने 2024 के आम चुनावों में मतदाता सूची में कथित हेराफेरी के आरोपों को लेकर दायर एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है.

याचिका में चुनाव आयोग से इस मामले की जांच और स्थिति स्पष्ट करने की मांग की गई थी. कोर्ट ने इसे आधारहीन बताते हुए तमिलनाडु राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को 1 लाख रुपये के जुर्माने का आदेश दिया.

यह याचिका तब दायर की गई थी, जब विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन में और अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लगाए थे. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि चुनाव प्रक्रिया में धांधली हुई. लेकिन, कोर्ट ने पाया कि याचिका में कोई ठोस सबूत या साफ जानकारी नहीं है. इसे सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप पर आधारित माना गया.

जजों ने कहा कि याचिका अस्पष्ट है और इसमें कोई विस्तृत विवरण नहीं दिया गया. कोर्ट ने साफ किया कि ऐसे हालात में चुनाव आयोग को कोई निर्देश नहीं दिया जा सकता कि वह अपनी स्थिति स्पष्ट करे. हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि उसने इस मामले के गुण-दोष पर कोई राय नहीं दी है और चुनाव आयोग खुद इस मुद्दे पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है.

कोर्ट के इस फैसले से राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है. विपक्ष का कहना है कि मतदाता सूची में गड़बड़ी के सवाल अनुत्तरित रह गए, जबकि चुनाव आयोग ने पहले ही अपनी प्रक्रिया को पारदर्शी बताया था.

याचिकाकर्ता को जुर्माना लगाने की वजह बताते हुए कोर्ट ने कहा कि बिना ठोस आधार के ऐसी याचिकाएं दायर करना कोर्ट का समय बर्बाद करता है. कोर्ट ने सुझाव दिया कि अगर कोई गंभीर सबूत हों, तो उन्हें सही तरीके से पेश किया जाए. इस बीच, चुनाव आयोग ने कहा कि वह अपनी जिम्मेदारियों को लेकर सजग है और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई करेगा.

एसएचके/डीएससी