ब्रसेल्स, 10 सितंबर . भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) ने ब्रसेल्स में आयोजित आतंकवाद-रोधी संयुक्त कार्यकारी समूह की 15वीं बैठक में आतंकवाद के सभी स्वरूपों और खासतौर पर सीमा-पार आतंकवाद की कड़ी निंदा की. दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और इससे निपटने के लिए सतत एवं व्यापक वैश्विक सहयोग की जरूरत है.
बैठक की सह-अध्यक्षता यूरोपीय बाहरी कार्य सेवा (ईईएएस) के सुरक्षा एवं रक्षा नीति निदेशक मचीज स्टाडेजेक और भारत के विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (आतंकवाद-रोधी) के. डी. देवाल ने की.
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, “भारत और ईयू ने संयुक्त राष्ट्र, ग्लोबल काउंटर टेररिज्म फोरम और एफएटीएफ जैसे बहुपक्षीय मंचों में सहयोग की अहमियत पर बल दिया. बैठक के दौरान घरेलू, क्षेत्रीय और वैश्विक खतरे के आकलनों पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ. प्रतिभागियों ने कहा कि विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में अस्थिरता और संघर्ष आतंकवाद व उग्रवाद को बढ़ावा देते हैं.”
बैठक में आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने, ऑनलाइन कट्टरपंथ की रोकथाम, आतंकियों और आतंकी संगठनों की सूचीबद्धता में सहयोग तथा नई उभरती प्रौद्योगिकियों के दुष्प्रभाव जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. दोनों पक्षों ने भविष्य में आतंकवाद-रोधी सहयोग को और मजबूत करने के रास्तों की पहचान की. अगली बैठक New Delhi में पारस्परिक सहमति से तय तिथि पर होगी.
भारत और ईयू ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की भी निंदा की. ईयू ने निर्दोष नागरिकों की हत्या पर भारत के प्रति संवेदना व्यक्त की.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में Prime Minister Narendra Modi ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से फोन पर बातचीत की थी. बातचीत में भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते को जल्द निष्कर्ष तक पहुंचाने और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर के क्रियान्वयन पर सहमति जताई गई.
दोनों नेताओं ने व्यापार, प्रौद्योगिकी, निवेश, नवाचार, सतत विकास, रक्षा, सुरक्षा और आपूर्ति श्रृंखला जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति का स्वागत किया. पीएम मोदी ने दोनों नेताओं को भारत-ईयू शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का आमंत्रण दिया.
Prime Minister कार्यालय के बयान में कहा गया, “दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक शक्तियों के रूप में भारत और यूरोपीय संघ के बीच भरोसे, साझा मूल्यों और साझा दृष्टिकोण पर आधारित मजबूत संबंध हैं. नेताओं ने वैश्विक मुद्दों से निपटने, स्थिरता लाने और नियम-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने में भारत-ईयू रणनीतिक साझेदारी की अहम भूमिका को रेखांकित किया.”
बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान और जल्द से जल्द शांति एवं स्थिरता बहाल करने के प्रति भारत के निरंतर समर्थन को दोहराया.
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डीएससी/