वैश्विक अस्थिरता और कुछ साझेदारों के भारी शुल्कों के बावजूद भारत के वस्त्र उद्योग ने मजबूती का किया प्रदर्शन : गिरिराज सिंह

New Delhi, 10 सितंबर . Union Minister गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत का कपड़ा क्षेत्र 2030 तक 100 अरब डॉलर के निर्यात के साथ 250 अरब डॉलर का घरेलू बाजार बनने का लक्ष्य रखता है.

Union Minister गिरिराज सिंह ने वस्त्र एवं परिधान मूल्य श्रृंखला के एमएसएमई कपड़ा निर्यातकों के साथ एक परामर्श बैठक में कहा कि भारत का कपड़ा क्षेत्र भारत की आर्थिक मजबूती और सांस्कृतिक विरासत के सबसे गौरवशाली प्रतीकों में से एक है.

उन्होंने कहा कि जीडीपी में करीब 2 प्रतिशत का योगदान देते हुए यह क्षेत्र वैश्विक व्यापार में 4.1 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ, वैश्विक स्तर पर भारत को छठा सबसे बड़े निर्यातक बनाता है.

भारतीय वस्त्र 220 से अधिक देशों और 520 से अधिक जिलों में सक्रिय रूप से निर्यात के साथ आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण और स्वदेशी की शाश्वत भावना का प्रतीक हैं.

Union Minister ने भारत के कपड़ा क्षेत्र के प्रमुख साझेदार देशों को लेकर पहली तिमाही में अच्छी निर्यात वृद्धि की जानकारी दी, जिसमें जापान की हिस्सेदारी 17.9 प्रतिशत, यूनाइटेड किंगडम की 7.39 प्रतिशत, यूएई की 9.62 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया की 1.74 प्रतिशत हिस्सेदारी रही.

उन्होंने कहा कि वैश्विक अस्थिरता और कुछ साझेदारों की ओर से लगाए गए भारी शुल्कों के बावजूद, भारत के वस्त्र उद्योग ने मजबूती का प्रदर्शन किया, जिसमें जुलाई 2025 में निर्यात 5.37 प्रतिशत बढ़कर 3.10 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया.

अप्रैल-जुलाई 2025 में निर्यात 12.18 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो सालाना आधार पर 3.87 प्रतिशत की बढ़ोतरी को दर्शाता है. रेडीमेड कपड़े 7.87 प्रतिशत, कालीन 3.57 प्रतिशत और जूट उत्पाद की 15.78 प्रतिशत वृद्धि के साथ हस्तशिल्प और एमएमएफ कपड़े का प्रदर्शन स्थिर रहा.

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्रमुख मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) साझेदार देशों में ये सकारात्मक रुझान 590 बिलियन अमेरिकी डॉलर के वैश्विक कपड़ा बाजार में भारत की बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने की क्षमता की पुष्टि करते हैं.

उन्होंने पीएम मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ आह्वान के आधार पर ही, 40 चिन्हित वैश्विक बाजारों में रणनीतिक विविधीकरण और साथ ही घरेलू मांग को बढ़ाने की तत्काल जरूरत पर बल दिया.

Union Minister गिरिराज सिंह ने 56वीं जीएसटी परिषद बैठक के महत्वपूर्ण परिणामों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “ये सुधार कमियों को कम करेंगे, लागत घटाएंगे, मांग को प्रोत्साहित करेंगे और निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएंगे.”

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