नेपाल हिंसक प्रदर्शन : काठमांडू में फंसे भारतीय नागरिक, जर्मन पर्यटक ने कहा- ‘मारे जा रहे निर्दोष लोग’

काठमांडू, 10 सितंबर . नेपाल में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच काठमांडू में कई भारतीय और विदेशी पर्यटक फंस गए हैं. हिंसा को देखते हुए नागरिकों ने भारतीय दूतावास से मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि यहां स्थिति बहुत तनावपूर्ण है और हम बेहद डरे हुए हैं.

नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद फंसे एक भारतीय पर्यटक ने से बातचीत में कहा, “हमने यहां से निकलने के लिए भारतीय दूतावास से संपर्क किया. उन्होंने हमें अपने होटल में ही रहने की सलाह दी. यहां स्थिति बहुत तनावपूर्ण है और हम बेहद डरे हुए हैं.”

एक अन्य नागिरक ने कहा, “नेपाल में स्थिति काफी खराब है. पथराव और आगजनी की घटनाएं भी देखने को मिल रही है. मैं अपने दोस्तों के साथ 8 सितंबर को नेपाल घूमने के लिए आया था. यहां के हालात बिगड़ने के बाद भारतीय दूतावास से संपर्क किया और उन्होंने सुरक्षित जगह पर रुकने के लिए कहा है.”

एक भारतीय पर्यटक ने कहा, “मैं दोस्तों के साथ नेपाल घूमने के लिए आया था, लेकिन हमारे पहुंचने के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया. अब स्थिति बहुत ही बढ़ गई है. जितनी जल्दी हम सुरक्षित रूप से यहां से निकल सकें, उतना बेहतर होगा. हमें यहां खाने-पीने के लिए भी परेशानी उठानी पड़ रही है.”

नेपाल में भड़के हिंसक प्रदर्शनों और कर्फ्यू के बीच काठमांडू में फंसे एक जर्मन पर्यटक ने स्थिति पर गहरी चिंता जताई. जर्मन पर्यटक ने कहा, “स्थिति बहुत खराब है. कल मैंने होटलों से बहुत सारा धुआं उठता देखा. वे जल रहे थे और यहां निर्दोष लोग मर रहे हैं. यह बहुत दुखद है. मैं कामना करता हूं कि जल्द ही हालात सामान्य होंगे.”

इस बीच, Government of India ने अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वे स्थिति सामान्य होने तक नेपाल की यात्रा स्थगित करें और जो पहले से वहां हैं, वे घरों में रहें और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें.

बता दें कि नेपाल के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक पशुपतिनाथ मंदिर को बढ़ते हिंसक प्रदर्शनों के कारण Wednesday को दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिया गया है. मंदिर परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करने और शांति बनाए रखने के लिए नेपाल सेना को तैनात किया गया है.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, Monday को प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पों में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई और 500 से अधिक लोग घायल हुए.

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