तिरुवनंतपुरम, 9 सितंबर . भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के वरिष्ठ नेता के.ई. इस्माइल ने Wednesday से अलपुझा में आयोजित पार्टी के तीन दिवसीय राज्य सम्मेलन का न्योता नहीं दिया गया है. उन्होंने इस पर नाराजगी जताई है.
इस साल मार्च में, पार्टी के एक शीर्ष नेता और पूर्व विधायक पी. राजू के निधन के बाद दिए गए उनके बयानों के लिए इस्माइल को पार्टी से छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था.
84 वर्षीय पूर्व राज्यसभा सदस्य और पूर्व राजस्व मंत्री ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि दशकों की निष्ठावान सेवा के बावजूद, उन्हें इस कार्यक्रम में भाग लेने नहीं दिया जा रहा.
उन्होंने अपने social media अकाउंट पर लिखा, “मैंने जीवन भर पार्टी में काम किया है. क्या मुझे तब भी इस सम्मेलन में शामिल होने की अनुमति नहीं है? नेतृत्व ने प्रतिबंध लगा दिया है. मुझे गहरा दुख और पीड़ा हो रही है.”
पूर्व दिग्गजों के साथ अपने जुड़ाव को याद करते हुए, इस अनुभवी नेता ने बताया कि उन्हें अच्युत मेनन, एन.ई. बलराम, पी.के. वासुदेवन नायर और वेलियम भार्गव जैसे नेताओं के अधीन काम करने का सौभाग्य मिला. उन्होंने कहा, “उनके कार्यकाल में मुझे जिम्मेदारियां सौंपी गईं और मैंने अपनी पूरी क्षमता से उन्हें निभाया. वे यादें आज भी मेरे साथ हैं.”
नेता ने 2022 के हैदराबाद पार्टी अधिवेशन में 75 वर्ष से अधिक आयु के सदस्यों को सक्रिय भूमिकाओं से बाहर रखने के निर्णय का भी उल्लेख किया. पूछा, “2022 के बाद से, मैं उस नीति के कारण केवल एक प्राथमिक सदस्य रहा हूं. लेकिन अब नेतृत्व को मुझमें, एक प्राथमिक सदस्य के रूप में, क्या दोष नजर आ रहा है?”
आगे कोई टिप्पणी करने से बचते हुए, इस अनुभवी नेता ने संकेत दिया कि वह भविष्य में और भी कुछ बता सकते हैं.
फिलहाल, उन्होंने पार्टी अधिवेशन को अपनी शुभकामनाएं दीं और आशा व्यक्त की कि यह सुचारू रूप से आयोजित होगा और बड़ी सफलता प्राप्त करेगा.
उन्होंने अपनी वर्तमान निराशा के बावजूद आजीवन वैचारिक निष्ठा को रेखांकित करते हुए घोषणा की, “मैं हमेशा कम्युनिस्ट बना रहूंगा. यह प्रतिबद्धता मेरे जीवन के अंत तक बनी रहेगी.”
इस टिप्पणी ने पार्टी हलकों का ध्यान आकर्षित किया है क्योंकि संगठन अपने राज्य सम्मेलन की तैयारी कर रहा है, जिसमें नीति, संगठनात्मक मामलों और भविष्य की रणनीतियों पर महत्वपूर्ण चर्चा होने की उम्मीद है.
–
केआर/