हर संदेह को दूर करना चुनाव आयोग का कर्तव्य : प्रियांक खड़गे

Bengaluru, 9 सितंबर . कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “आयोग को अपनी निष्पक्षता साबित करने के लिए एक एथिकल हैकर नियुक्त करना चाहिए. चुनाव आयोग आधार को पहचान पत्र के रूप में स्वीकार न करके Supreme court के निर्देशों की अवहेलना कर रहा है.”

उन्होंने कहा कि अपने पिछले कार्यकाल में भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर ईवीएम की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए एक एथिकल हैकर को नियुक्त करने की सलाह दी थी. जब लोगों को ईवीएम पर संदेह है, तो चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि वह इस संदेह को दूर करे. यह सिर्फ एक मशीन है और लोगों को संदेह है, इसलिए चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि वह इस स्थिति को स्पष्ट करे.

उन्होंने कहा, “यह ऐसा मामला है, जिसका जवाब चुनाव आयोग को देना चाहिए, कांग्रेस पार्टी को नहीं. आपका आधार कार्ड बिहार को छोड़कर पूरे India में मतदान करने या मतदाता के रूप में नामांकन के लिए पर्याप्त है.”

उन्होंने कहा कि हमने, राहुल गांधी ने, इस मुद्दे पर कई सवाल पूछे, लेकिन चुनाव आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया. चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों में रुचि नहीं रखता.

मदुरै में हुई हाल की घटना पर खड़गे ने इसे भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति का हिस्सा बताया. खड़गे ने कहा कि पिछले 21 दिनों में लाखों विसर्जन हुए, लेकिन कुछ नहीं हुआ. अगर कोई छिटपुट घटना हुई, तो वे उसे ‘हिंदुत्व की प्रयोगशाला’ में बड़ा बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

भाजपा के मल्लिकार्जुन खड़गे पर आरोपों पर प्रियांक खड़गे ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, “भाजपा कुछ भी कहे, कलबुर्गी के लोग मल्लिकार्जुन खड़गे को जानते हैं और पिछले 60 सालों से उन्हें चुनते आ रहे हैं.”

उन्होंने भाजपा से कहा कि खड़गे जी पर टिप्पणी करने के बजाय, उन्हें Prime Minister से एसडीआरएफ और एनडीआरएफ का मुआवजा बढ़ाने के लिए कहना चाहिए. राज्य Government अपनी क्षमता के अनुसार हर संभव प्रयास कर रही है और भाजपा को मल्लिकार्जुन खड़गे की परवाह नहीं करनी चाहिए.

सार्थक/एबीएम