New Delhi, 9 सितंबर . जीएसटी 2.0 के रोलआउट के साथ बड़े पैमाने पर उपभोग औपचारिकता की ओर बढ़ेगा और प्रीमियम उपभोक्ता कुछ विशिष्ट पेशकशों की आकांक्षा रखेंगे, जिससे कुल मिलाकर उपभोग को बढ़ावा मिलेगा. यह जानकारी Tuesday को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई.
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि मैक्रो सेक्टर में बेहतर होते रुझान इस क्षेत्र के उच्च मूल्यांकन को समर्थन दे रहे हैं, जबकि विकास समर्थन का अभी भी इंतजार है.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “जीएसटी 2.0 की घोषणा से पहले की प्रत्याशित तेजी फायदेमंद रही. जैसे-जैसे हम लाभों को ध्यान में रखते हैं और चुनिंदा शेयरों के लक्ष्य मूल्यों में वृद्धि करते हैं, हमारी शेयर मांगें मजबूत बनी हुई हैं.”
जीएसटी 2.0 के तहत, खाद्य और आवश्यक व्यक्तिगत देखभाल श्रेणियों में रेट्स में एक बड़े लेवल पर रेशनलाइजेशन देखा गया.
जीएसटी परिषद ने होम केयर प्रोडक्ट्स को मोटे तौर पर 18 प्रतिशत के दायरे में रखा, जबकि रोजाना इस्तेमाल की व्यक्तिगत देखभाल वस्तुओं पर कर में कटौती की गई और विवेकाधीन वस्तुओं पर कर की दर 18 प्रतिशत पर ही बनी हुई है.
रिपोर्ट में कहा गया है, “हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि संगठित खाद्य और पेय पदार्थ सेगमेंट पर वेटेड जीएसटी दर 10 प्रतिशत से घटकर 6 प्रतिशत होने की संभावना है, जिसका कुल बाजार मूल्य 7 ट्रिलियन रुपए है.”
इसी तरह, संगठित घरेलू और व्यक्तिगत देखभाल सेगमेंट पर कर की दर 5 पीपीटी घटकर 12 प्रतिशत रह सकती है, जिसका आकार 2 ट्रिलियन रुपए है.
रिपोर्ट में कहा गया है, “एफएमसीजी में टॉप पांच कैटेगरी साबुन, ओरल केयर, हेयर केयर, बिस्कुट और नमकीन स्नैक्स को जीएसटी दर में कटौती का लाभ मिलेगा. हम वर्तमान कटौती को पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स में धीमी गति की चिंताओं को दूर करने के रूप में देखते हैं. जबकि बिस्कुट और नमकीन स्नैक्स के लाभों से औपचारिकता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद कर सकते हैं.”
पिछले वर्ष, इस क्षेत्र के लिए नियामकीय सहायता में शानदार वृद्धि हुई है, जिससे तीव्र विकास को बढ़ावा मिला. बेहतर क्रियान्वयन और उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं के अनुरूप पोर्टफोलियो वाली कंपनियों को सबसे अधिक लाभ होने की उम्मीद की जा रही है.
रिपोर्ट में कहा गया है, “हमारे द्वारा कवर की जा रही कंपनियों को त्वरित औपचारिकीकरण से लाभ होगा, हालांकि न्यू-एज ब्रांड से प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए मजबूत क्रियान्वयन जरूरी होगा. जीएसटी 2.0 की घोषणा से पहले की प्रत्याशित तेजी फायदेमंद साबित हुई है.”
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एसकेटी/