पीएसए के तहत मेहराज मलिक की गिरफ्तारी, सीएम अब्दुल्ला ने कानून का दुरुपयोग बताया

जम्मू, 8 सितंबर . जम्मू-कश्मीर आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और डोडा से मौजूदा विधायक मेहराज मलिक को Monday को जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया. Chief Minister उमर अब्दुल्ला ने पीएसए कानून के तहत आप नेता की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया और इसे कानून का दुरुपयोग बताया.

Chief Minister उमर अब्दुल्ला ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मेहराज मलिक को पीएसए के तहत हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है. वे ‘जन सुरक्षा’ के लिए कोई खतरा नहीं हैं और उन्हें हिरासत में रखने के लिए इस बदनाम कानून का इस्तेमाल करना गलत है. अगर एक निर्वाचित Government एक निर्वाचित प्रतिनिधि के खिलाफ अपनी शक्तियों का इस तरह इस्तेमाल कर सकती है तो कोई कैसे उम्मीद कर सकता है कि जम्मू-कश्मीर के लोग लोकतंत्र में विश्वास बनाए रखेंगे?”

वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने आप नेता की गिरफ्तारी को सही ठहराया. उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “जम्मू-कश्मीर में एकमात्र आप विधायक मेहराज मलिक वरिष्ठ Governmentी अधिकारियों को गालियां देने और युवाओं में सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए विवाद पैदा करने के आदी हैं. रिपोर्टों के अनुसार, उनके खिलाफ 18 First Information Report और 10 दैनिक डायरी रिपोर्ट दर्ज की गई हैं. एक जनप्रतिनिधि को जनता से जुड़े मुद्दे उठाने का पूरा अधिकार है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उसे Governmentी कर्मचारियों पर शारीरिक हमला करने का अधिकार है.”

उन्होंने कहा, “आखिरकार वह एक आम आप उम्मीदवार हैं. उन पर युवाओं को प्रशासन के खिलाफ भड़काने का भी आरोप है. डोडा प्रशासन पहले से ही बेहद कठिन परिस्थितियों में काम कर रहा है, खासकर हाल ही में आई बाढ़ के बाद. उन्हें पीएसए अधिनियम के तहत हिरासत में लेना सही है.”

बता दें कि शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के Chief Minister कार्यकाल के दौरान 1978 में लागू किया गया यह पीएसए अधिकारियों को न्यायिक हस्तक्षेप के बिना किसी व्यक्ति को दो साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है.

मूलरूप से लकड़ी की तस्करी से निपटने के लिए बनाया गया यह कानून तब से अलगाववादियों और जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा माने जाने वाले लोगों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता रहा है. मलिक इस केंद्र शासित प्रदेश के पहले मौजूदा विधायक हैं, जिन पर इस कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है.

एससीएच/डीकेपी