नासिक, 8 सितंबर . महाराष्ट्र के नासिक में प्याज किसानों में एनसीसीएफ (नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन) और नेफेड (नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन) के खिलाफ गहरा असंतोष उभरकर सामने आया है. किसानों ने बड़े पैमाने पर भुगतान बाकी होने का आरोप लगाया है.
किसानों का आरोप है कि उन्हें 72 घंटे में भुगतान का वादा किया गया था, लेकिन महीनों बीतने के बाद भी 350 से 400 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है. प्रति किसान 1 लाख से 10 लाख रुपए तक की राशि अटकी होने से कई किसान गंभीर आर्थिक संकट में हैं. कुछ ने तो आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति चिंताजनक हो गई है.
किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है. उनकी कई प्रमुख मांगें हैं, जिनमें 2023-24 से 2025-26 तक का 100 प्रतिशत बकाया भुगतान तुरंत किया जाए, खरीफ 2023-24 की बकाया राशि का निपटारा हो, 2022-23 और 2024-25 के संयुक्त शुल्क (जॉइंट चार्जेस) का भुगतान हो, 2024-25 के लिए 85 प्रतिशत की जगह 100 प्रतिशत संयुक्त शुल्क दिया जाए, टीडीएस देरी से प्राप्ति पर लगे जुर्माने और ब्याज की भरपाई हो, 5000 मीट्रिक टन गोदाम अनुबंध के कम भुगतान का पूरा किराया चुकाया जाए, 72 घंटे के वादे के बावजूद 72 दिनों तक भुगतान न होने पर तुरंत राशि दी जाए और भंडारित प्याज का तत्काल प्रेषण शुरू हो. किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें पूरी न हुईं तो वे सड़क जाम करेंगे.
नासिक के प्याज किसानों के भुगतान विवाद में एनसीसीएफ ने सफाई दी है और जल्द किसानों की मांग पूरी करने की बात कही है. उन्होंने कहा, “हम किसानों की समस्याओं को गंभीरता से ले रहे हैं. भुगतान प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 4 सितंबर को 17 करोड़ रुपए और आज 12 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है. हम किसानों से दो दिन का समय मांगते हैं, सभी का भुगतान जल्द पूरा होगा.”
पिछले वर्षों में भी नासिक के किसानों ने देरी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. इस बार भी किसान पारदर्शिता और समयबद्ध भुगतान की मांग कर रहे हैं. यदि स्थिति नहीं सुधरी तो आंदोलन और तेज होने की आशंका है.
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एससीएच/डीएससी