वैश्विक शासन पहल ने मानव जाति के साझे भविष्य के निर्माण की दिशा में मिलकर काम करने वाले देशों को गति प्रदान की

बीजिंग, 8 सितंबर . चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने हाल ही में उत्तर चीन के थ्येनचिन शहर में आयोजित “शंघाई सहयोग संगठन प्लस” बैठक में एक वैश्विक शासन पहल प्रस्तुत की. यह वैश्विक विकास पहल, वैश्विक सुरक्षा पहल और वैश्विक सभ्यता पहल के बाद, मानव समाज के सामने आने वाली आम चुनौतियों से निपटने के लिए चीन द्वारा प्रस्तुत एक और व्यवस्थित समाधान है.

सम्मेलन में कई अतिथियों और विदेशी प्रतिनिधियों ने चाइना मीडिया ग्रुप के संवाददाताओं को बताया कि राष्ट्रपति शी की वैश्विक शासन पहल नए युग में एक प्रमुख देश के रूप में चीन की जिम्मेदारी को दर्शाती है और मानव जाति के साझे भविष्य वाले समुदाय के निर्माण की दिशा में सभी देशों के संयुक्त प्रयासों को मजबूत प्रोत्साहन देती है.

भारत के टीवी9 के वरिष्ठ पत्रकार मनीष झा ने कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने आपसी विश्वास को मज़बूत करने और समान विकास के लिए कई ठोस सुझाव और उपाय प्रस्तुत किए हैं. चीन की उल्लेखनीय आर्थिक विकास उपलब्धियां पड़ोसी देशों और यहां तक कि वैश्विक स्तर पर भी आर्थिक विकास को मज़बूत गति प्रदान कर रही हैं. भारत और चीन दुनिया के दो महत्वपूर्ण विकासशील देश हैं. भारत और चीन के बीच सहयोग से न केवल दोनों देशों के लोगों को लाभ होगा, बल्कि विश्व शांति और विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा.

पाकिस्तानी थिंक टैंक विशेषज्ञ और एशियन इंस्टीट्यूट फॉर इकोलॉजिकल

सिविलाइज़ेशन रिसर्च एंड डेवलपमेंट के सीईओ शकील अहमद रामय का मानना है कि राष्ट्रपति शी का प्रस्ताव बेहद महत्वपूर्ण है. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि चीन के विकास पथ को समझने के लिए उसकी शासन प्रणाली और संस्कृति को गहराई से समझना ज़रूरी है.

अफ़ग़ान Prime Minister भवन के मीडिया कार्यालय के वरिष्ठ सलाहकार अंदेखमान ज़ज़ई ने इस पहल में प्रस्तावित संप्रभु समानता की अवधारणा की गहरी सराहना की. उन्होंने कहा कि “शंघाई भावना” सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने और प्रत्येक देश की स्वतंत्र नीतिगत स्वायत्तता बनाए रखने के सिद्धांत पर ज़ोर देती है. इस सिद्धांत ने विश्वास का माहौल बनाया है और निरंतर सहयोग को प्रोत्साहन दिया है.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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