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New Delhi, 6 सितंबर . पूर्व राजदूत दीपक वोहरा ने Prime Minister Narendra Modi की तारीफ करते हुए कहा कि उनके सत्ता में आने के बाद, दुनिया में India का कद और बढ़ा है. मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा.
उन्होंने अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत-अमेरिका संबंधों को बेहद खास बताए जाने पर कहा कि Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में India का वैश्विक कद काफी बढ़ा है. उन्होंने को दिए इंटरव्यू में कई सवालों का बेबाकी से जवाब दिया.
सवाल- क्या आपको लगता है कि चीन और रूस के साथ India के बढ़ते रिश्तों का असर अमेरिका पर पड़ रहा है?
जवाब- यह एक बेहतरीन सवाल है. अमेरिका पर इसका असर क्यों नहीं पड़ना चाहिए? किसी भी देश के साथ India के द्विपक्षीय संबंध स्वतंत्र होते हैं. कोई भी देश जो India के साथ अच्छे संबंध रखना चाहता है, उसके India के साथ अच्छे संबंध होंगे और जो नहीं रखना चाहता है, इसके विपरीत होंगे. उन्होंने कहा कि आपने मालदीव के मामले में यह देखा है, जिसके President कभी हमारे खिलाफ थे, लेकिन अब हमारे साथ हैं. यही बात श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश के मामले में भी सच हुई है. India की कूटनीति काफी परिपक्व है. अमेरिका और रूस के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं यह एक सकारात्मक प्रगति है. हम चीन के साथ अपने संबंधों को बेहतर बनाने के लिए भी काम कर रहे हैं. President ट्रंप अलग-अलग समय पर अलग-अलग बयान देते हैं, लेकिन हम परिपक्वता के साथ जवाब देते हैं.
ट्रंप ने social media पर पोस्ट किया, और हमने भी एक्स पर. हम अमेरिका के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं. हमने ट्रंप की आलोचना नहीं की है, लेकिन ट्रंप ने कई बार हमारी आलोचना की है. फिर भी, हमने अपनी मर्यादा बनाए रखी है. यह परिपक्वता की निशानी है.
सवाल- भारत-अमेरिका संबंधों को ‘बेहद खास रिश्ता’ बताते हुए President ट्रंप ने कहा कि वह और Prime Minister मोदी हमेशा दोस्त बने रहेंगे. आपके क्या विचार हैं?
जवाब- जब कोई हमारी तारीफ करता है, तो हम उसका शुक्रिया अदा करते हैं. हम विनम्र लोग हैं. हम चाणक्य की संतान हैं. मैं ट्रंप को ‘चाणक्य नीति’ पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करूंगा. इसमें कहा गया है कि अगर किसी देश के साथ संबंध अच्छे नहीं हैं, तो दरवाजा बंद कर दो, लेकिन खिड़की कभी बंद मत करो. यही India का दृष्टिकोण है. आज अच्छे नहीं है, कल सही हो जाएंगे.
सवाल- क्या आपको लगता है कि यह India की कूटनीतिक जीत है कि अमेरिका, चीन और रूस सभी से मजबूत संबंध बनाए रखना चाहते हैं?
जवाब- बिल्कुल, यह एक कूटनीतिक जीत है. जैसा कि मैंने कहा, मैं 52 साल से ज्यादा समय से कूटनीति में हूं, और मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि Prime Minister मोदी के पदभार संभालने के बाद, India की वैश्विक छवि में जबरदस्त सुधार हुआ है. मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा. यहां तक कि अमेरिकी अखबारों ने भी ट्रंप की आलोचना करते हुए कहा है कि उन्होंने चीन, रूस और India के साथ संबंध खराब कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि जब पीएम मोदी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ कहते हैं तो दुनिया सुनती है.
सवाल- क्या आपको लगता है कि Prime Minister मोदी एक वैश्विक ब्रांड बन गए हैं?
जवाब- बिल्कुल, सौ प्रतिशत ‘ब्रांड मोदी’. आप उन्हें पसंद करें या न करें, आप उन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकते. Narendra Modi ‘ब्रांड इंडिया’ हैं. अगर आप विदेश जाएं और लोगों से पूछें कि वे India के बारे में क्या जानते हैं, तो वे योग और Prime Minister मोदी का जिक्र करेंगे. Prime Minister मोदी रामायण के जामवंत की तरह हैं, जिन्होंने भगवान हनुमान को उनकी शक्ति का स्मरण कराया था. इसी तरह, मोदी भारतीयों को उनकी असली क्षमता का स्मरण करा रहे हैं.
सवाल- क्या आपको लगता है कि अमेरिका India के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहता है?
जवाब- सौ प्रतिशत. अमेरिका अपने उत्पाद किसे बेचेगा? अगर वे 10 लाख या उससे ज़्यादा कारें बनाते हैं, तो India के अलावा वे कहां जाएंगे? अमेरिका के अब चीन के साथ अच्छे संबंध नहीं हैं. Prime Minister मोदी ने चतुराई दिखाई है – उनमें Gujarat का जीन है. GST सुधारों को देखिए. अब, भारतीय नागरिक कम दामों पर सामान खरीद सकते हैं. हमने हमेशा अमेरिका की प्रशंसा की है. अब भी करते हैं. हम अच्छे रिश्ते चाहते हैं. मुझे लगता है कि ट्रंप को आखिरकार एहसास हो गया है कि उन्होंने शायद बहुत ज़्यादा कह दिया है. लेकिन हम नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं देंगे. यह हमारा तरीका नहीं है.
सवाल- India और अमेरिका अपने संबंधों को कैसे मजबूत कर सकते हैं?
जवाब- आपसी सम्मान और गरिमा के जरिए. आज India की विदेश नीति मजबूत है. अगर कोई देश हमारे साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहता है, तो हम भी उसका साथ देंगे. India के विदेश मंत्री एस जयशंकर जो मुझसे जूनियर हैं, लेकिन कहीं ज़्यादा समझदार हैं, बेहतरीन काम कर रहे हैं. मैं Prime Minister मोदी को India के वैश्विक रुख को मजबूत और सम्मानजनक बनाए रखने के लिए धन्यवाद देता हूं.
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डीकेएम/जीकेटी