ट्रंप ने पीएम मोदी को बताया ‘ग्रेट,’ पूर्व राजदूत बोले ‘तनाव कम करने की दिशा में ये पहला कदम’

New Delhi, 6 सितंबर . अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप ने जिस अंदाज में India के Prime Minister Narendra Modi का जिक्र किया है उसकी चौतरफा चर्चा है. India के पूर्व राजदूत जावेद अशरफ ने इसे “बहुत स्वागत योग्य” कदम करार दिया. साथ ही इसे द्विपक्षीय संबंधों में “तनाव कम करने की प्रक्रिया की शुरुआत” बताया.

टैरिफ और India द्वारा रूसी तेल खरीद को लेकर India और अमेरिका के बीच चल रहे तनाव के बावजूद, ट्रंप ने Prime Minister मोदी को “एक महान Prime Minister” और “एक मित्र” बताया. ट्रंप ने यह भी कहा कि वह “हमेशा Prime Minister मोदी के मित्र रहेंगे.”

Saturday को से विशेष बातचीत में, अशरफ ने ट्रंप के लहजे के महत्व और व्यापक कूटनीतिक मायने पर प्रकाश डाला.

अशरफ ने कहा, “यह एक बहुत ही स्वागत योग्य घटनाक्रम है. पिछले कई हफ्तों से, President ट्रंप ने संबंधों के लिए कटु भाषा और अपमानजनक लहजे का इस्तेमाल किया है, लेकिन उन्होंने हमेशा Prime Minister मोदी के साथ अच्छे संबंध बनाए रखे हैं और उनके नेतृत्व की सराहना की है. उनकी हालिया टिप्पणियों का लहजा काफी सकारात्मक है.”

उन्होंने आगे कहा, “Prime Minister मोदी ने भी एक बहुत ही रचनात्मक संदेश के साथ जवाब दिया. यह दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की दिशा में एक शुरुआती कदम है.”

पूर्व राजदूत ने यह भी बताया कि ट्रंप ने अपने हालिया बयानों में भारत-Pakistan के मुद्दों पर कुछ बोलने से परहेज किया है.

अशरफ ने कहा, “हमने एक बदलाव देखा है. ट्रंप ने भारत-Pakistan या किसी भी युद्धविराम में अपनी कथित भूमिका का जिक्र नहीं किया, जैसा कि वे पहले करते थे. यह स्थिति को कम करने की प्रक्रिया का संकेत है.”

India के कूटनीतिक रुख पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने आगे कहा, “India ने टकराव-रहित रुख अपनाया है. हमने President ट्रंप या उनके मंत्रिमंडल के साथ कोई वाकयुद्ध नहीं किया है. हम व्यापार, संवेदनशील क्षेत्रों और वैश्विक साझेदारियों को लेकर अपने संप्रभु निर्णयों पर अडिग रहे हैं.”

अशरफ ने India की रणनीतिक स्वायत्तता की नीति पर जोर देते हुए कहा कि रूस, चीन या अमेरिका जैसी वैश्विक शक्तियों संग देश के संबंध बहुत संयमित रहे हैं.

हाल ही में हुए एससीओ शिखर सम्मेलन और President पुतिन व शी जिनपिंग के साथ Prime Minister मोदी की वायरल तस्वीरों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “उन तस्वीरों ने अमेरिका में चिंता पैदा कर दी थी. उन्हें India और रूस के साथ संबंध खराब होने का डर था. लेकिन हमारे लिए, यह पक्ष चुनने का मामला नहीं है. हमारा सिद्धांत हमेशा से स्पष्ट रहा है: किसी एक देश के साथ साझेदारी दूसरे देश की कीमत पर नहीं होनी चाहिए. मुश्किल समय में भी, इस दृष्टिकोण ने हमारी बहुत मदद की है.”

केआर/