बांग्लादेश: चटगांव विश्वविद्यालय में हिंसा पर जमात नेता की धमकी! छात्र बोले ‘हमें नागवार’

ढाका, 6 सितंबर . चटगांव विश्वविद्यालय (सीयू) के कई छात्रों ने Saturday तड़के परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और जमात-ए-इस्लामी नेता सिराजुल इस्लाम की टिप्पणी को नाकाबिले बर्दाश्त बताया. हाल ही में एक महिला छात्रा पर हमले के बाद भड़की झड़पों पर उन्होंने विवादास्पद टिप्पणी की थी.

स्थानीय मीडिया के अनुसार पिछले हफ्ते, परिसर के पास सुरक्षा गार्ड ने एक छात्रा पर कथित तौर पर हमला कर दिया था जिसके बाद, सीयू छात्रों और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें सौ से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.

प्रमुख बांग्लादेशी दैनिक ‘प्रोथोम आलो’ की रिपोर्ट के अनुसार, हालिया विरोध प्रदर्शन एक वायरल वीडियो के बाद शुरू हुआ. विश्वविद्यालय के पास जोबरा गांव में Thursday शाम को आयोजित एक बैठक की ये क्लिप थी. इसमें सीयू में हुई हालिया झड़पों पर चर्चा की गई थी.

बैठक के दौरान, कट्टरपंथी इस्लामी नेता सिराजुल इस्लाम ने कहा था, “चटगांव विश्वविद्यालय हमारी पैतृक संपत्ति पर बना है. चटगांव विश्वविद्यालय और आसपास के क्षेत्रों पर हमारा मालिकाना हक है. हम जमींदार हैं, जमीन के मालिक के काम में किसी की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करेंगे.”

उन्होंने आगे कहा, “यह विश्वविद्यालय हमारा दिल है. यह हमारी अपनी जगह है, इसलिए हम किसी भी अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमें इसका सम्मान करना होगा. अगर विश्वविद्यालय हमारा उचित सम्मान नहीं करता है, तो हम लोगों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करेंगे.”

इस चर्चा से जनाक्रोश भड़क उठा और छात्रों ने जमात नेता के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सीयू में प्रदर्शन कर इसे नागवार बताया. छात्रों ने उन्हें “आतंकवादियों का एजेंट” कहा और ये भी कि इस तरह के बयान बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.

इस बीच, जमात की छात्र शाखा, छात्र शिबिर ने सिराजुल के बयान का खंडन किया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की छात्र शाखा, छात्र दल के स्थानीय शीर्ष नेता इस घटना में “सीधे तौर पर शामिल” थे.

हालांकि, छात्र दल ने अपने और बीएनपी नेताओं पर लगे आरोपों का खंडन किया है और दावा किया है कि छात्र शिबिर जमात के राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस झड़प का दोष किसी और पर मढ़ने की कोशिश कर रहा है.

सीयू में हिंसक झड़पें बांग्लादेश में बढ़ते जन असंतोष के बीच हुईं; पिछले साल अगस्त में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता पर काबिज होने के बाद से कई छात्र विरोध आंदोलन और हिंसा देखी गई है.

केआर/