समोआ क्रिकेट की ‘तकदीर’ और ‘तस्वीर’ बदल सकते हैं रॉस टेलर

New Delhi, 6 सितंबर . 41 साल की उम्र में शानदार बल्लेबाज रॉस टेलर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर चुके हैं, लेकिन इस बार वह न्यूजीलैंड नहीं, बल्कि समोआ के लिए खेलेंगे.

रॉस टेलर ने साल 2022 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा था, लेकिन करीब तीन साल बाद इस उम्र में संन्यास से वापसी का फैसला फैंस को हैरान कर गया. रॉस टेलर एशिया-ईस्ट एशिया-पैसिफिक टी20 वर्ल्ड कप 2026 क्वालीफायर में समोआ का प्रतिनिधित्व करेंगे.

यूं तो, रॉस टेलर का जन्म 8 मार्च 1984 को वेलिंगटन में हुआ था, लेकिन समोआ से खास रिश्ते के चलते रॉस टेलर ने इस देश की ओर से अपनी दूसरी पारी खेलने का फैसला किया.

दरअसल, समोआ रॉस टेलर का ननिहाल है. उनकी मां ऐन का जन्म समोआ में हुआ था. वह कुछ साल बाद न्यूजीलैंड आई थीं, लेकिन मां के समोआ से होने के चलते रॉस टेलर के पास इस देश का पासपोर्ट भी है.

बता दें, समोआ ओसनिया में ही एक द्वीपीय राष्ट्र है. ओसनिया क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसी क्रिकेट पावर भी स्थित हैं. निश्चित तौर पर इन देशों में क्रिकेट की लोकप्रियता का असर इस पूरे क्षेत्र को इस खेल के प्रति रुचि विकसित करने में प्रभावित करता है.

समोआ में कई प्रतिभाशाली युवा क्रिकेटर हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित करना चाहते हैं. यहां खेल के प्रति स्थानीय लोगों का जबरदस्त उत्साह देखने को मिलता है. समोआ क्रिकेट टीम क्षेत्रीय टूर्नामेंट्स में हिस्सा ले चुकी है, जिससे खिलाड़ियों को प्रतियोगिता का अनुभव मिलता है.

हालांकि, बड़े टूर्नामेंट्स में अनुभव की कमी इस टीम के प्रदर्शन में नजर आती है. पेशेवर स्तर की कोचिंग, प्रशिक्षण सुविधाओं और क्रिकेट ग्राउंड्स की सीमित उपलब्धता के चलते यहां क्रिकेट बेहद पिछड़ा हुआ है. संसाधनों और वित्तीय सहायता की कमी भी यहां के क्रिकेट बोर्ड की राह में बाधा बनती है.

रॉस टेलर के समोआ से जुड़ने के बाद निश्चित रूप से वहां खेल की लोकप्रियता बढ़ेगी. वह अपने नाम और अनुभव से इस देश में क्रिकेट की पहचान और रुचि बढ़ा सकते हैं. इसके साथ ही वह समोआ के खिलाड़ियों के साथ अपने अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुभव साझा करते हुए टीम की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ा सकते हैं.

टेलर से उम्मीद है कि वह समोआ के स्थानीय खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए युवा और उभरते खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगे.

रॉस टेलर न सिर्फ एक खिलाड़ी के तौर पर, बल्कि युवाओं को तकनीकी सलाह, मानसिक तैयारी और खेल की रणनीतियों में भी मार्गदर्शन दे सकते हैं. उनकी मौजूदगी युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरक उदाहरण होगी और टीम के मनोबल को बढ़ाएगी.

दाएं हाथ के बल्लेबाज रॉस टेलर ने अपने 16 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में कई रिकॉर्ड बनाए हैं. 112 टेस्ट, 236 वनडे और 102 टी20 मुकाबलों में कुल 18,199 रन बनाने वाले टेलर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले कीवी खिलाड़ियों की सूची में दूसरे पायदान पर हैं.

तीनों फॉर्मेट में 100 से ज्यादा मैच खेलने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर रॉस टेलर न्यूजीलैंड की ओर से सर्वाधिक टेस्ट खेलने वालों में दूसरे स्थान पर हैं.

भले ही 41 वर्षीय रॉस टेलर क्रिकेट के लिहाज से अब उम्रदराज हैं, लेकिन संन्यास से वापसी के साथ उन्होंने संकेत दिया है कि वह अब भी खुद को जवां महसूस कर रहे हैं. यकीनन नए देश की ओर से खेलते हुए उनके प्रदर्शन पर पूरी दुनिया की निगाहें होंगी.

आरएसजी/एएस