टैरिफ पर मचे ‘घमासान’ के बीच ट्रंप ने पीएम मोदी को बताया महान, बताई गिले शिकवे की वजह

वाशिंगटन, 6 सितंबर . अमेरिका के India पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद पिछले कुछ समय से दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण है. रूस से तेल खरीदने से नाराज अमेरिकी President ने India पर दबाव बनाने के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी थी.

इसके बाद तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में पीएम Narendra Modi, चीन के President शी जिनपिंग और रूस के President व्लादिमीर पुतिन की एक फोटो शेयर कर कहा था कि लगता है कि हमने India और रूस को चीन के हाथों खो दिया है. उम्मीद करता हूं कि उनकी साझेदारी लंबी और समृद्ध हो.

हालांकि एससीओ सम्मेलन में India और चीन की नजदीकियों के बाद अमेरिकी President के तेवर थोड़े नरम दिखाई दे रहे हैं. ऐसा माना जा रहा था कि ट्रंप के India पर लगाए टैरिफ से दोनों देशों की दोस्ती पर बुरा असर पड़ सकता है, लेकिन अब डोनाल्ड ट्रंप ने Prime Minister Narendra Modi का हमेशा दोस्त बने रहने की बात कही. इसके बाद, Prime Minister Narendra Modi ने भी अमेरिकी President की भावनाओं की सराहना की और कहा कि वह उनका पूरा सम्मान करते हैं.

दरअसल Friday को व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने पीएम Narendra Modi को महान Prime Minister बताया. उन्होंने कहा, “मैं Prime Minister मोदी का हमेशा दोस्त रहूंगा.” हालांकि अमेरिकी President ने यह भी कहा, “मुझे इस समय वह (Prime Minister Narendra Modi) जो कर रहे हैं, वो पसंद नहीं है. India और अमेरिका के बीच एक विशेष संबंध है और चिंता की कोई बात नहीं है. हमारे बीच कभी-कभी कुछ ऐसे पल आ जाते हैं.”

डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के कुछ घंटों बाद भारतीय Prime Minister मोदी ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “President ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों के सकारात्मक मूल्यांकन की मैं गहराई से सराहना करता हूं और उनका पूरा सम्मान करता हूं. India और अमेरिका के बीच एक बहुत ही सकारात्मक और दूरदर्शी व्यापक और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है.”

Prime Minister मोदी की यह टिप्पणी President ट्रंप के सकारात्मक रुख अपनाने के कुछ घंटों बाद आई है, जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या उन्होंने “चीन के हाथों India को खोने” के लिए किसी को दोषी ठहराया है. उन्होंने जवाब दिया, “मुझे नहीं लगता कि हमने ऐसा किया है.”

President ट्रंप ने यह भी कहा कि Prime Minister मोदी के साथ उनके बहुत अच्छे संबंध हैं, लेकिन New Delhi द्वारा रूसी तेल की खरीद को लेकर वे India से बहुत निराश हैं. उन्होंने कहा, “जैसा कि आप जानते हैं, India रूस से इतना तेल खरीद रहा है और उन्हें यह भी बता रहा है कि हमने India पर बहुत बड़ा टैरिफ ( 50 प्रतिशत टैरिफ) लगाया है, यह जानकार हम बहुत निराश हैं.”

व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारो ने भी Friday को अपनी बात दोहराई. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि India के “सबसे ज्यादा टैरिफ से अमेरिकी नौकरियां खत्म हो रही हैं.”

ट्रंप की सहयोगी लॉरा लूमर ने एक्स पर दावा किया कि ट्रंप प्रशासन “अमेरिकी आईटी कंपनियों को अपना काम भारतीय कंपनियों को आउटसोर्स करने से रोकने पर विचार कर रहा है. हालांकि उन्होंने इसकी पुष्टि के लिए कोई सबूत नहीं दिया.

Friday को ब्लूमबर्ग के साथ एक इंटरव्यू में अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि अमेरिका हमेशा बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन ऐसा लग रहा था कि उन्होंने India के लिए कुछ पूर्व शर्तें रखी हैं.

उन्होंने कहा,” India अभी अपना बाजार नहीं खोलना चाहता. रूसी तेल खरीदना बंद करो, ब्रिक्स का हिस्सा बनना बंद करो. वे रूस और चीन के बीच की कड़ी हैं. अगर आप यही बनना चाहते हैं तो बनो. या तो India डॉलर, संयुक्त राज्य अमेरिका और अपने सबसे बड़े ग्राहक (अमेरिकी उपभोक्ता) का समर्थन करे या फिर मुझे लगता है कि उसे 50 प्रतिशत टैरिफ देना होगा और देखते हैं कि यह कब तक चलता है.”

हॉवर्ड लुटनिक ने India के तेल आयात में रूसी कच्चे तेल की बढ़ती हिस्सेदारी पर विरोध जताया और इसे सरासर गलत बताया. इधर Friday को India की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जोर दिया कि India रूसी तेल खरीदना जारी रखेगा. उन्होंने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि हम अपना तेल कहां से खरीदते हैं या हमारे लिए सबसे उपयुक्त क्या है. यह हमें ही तय करना है. हम निस्संदेह रूस से तेल खरीदेंगे.

वीसी/एएस