वाशिंगटन, 6 सितंबर . अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग चाहें, तो वह 2026 में मियामी में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में उनका स्वागत करेंगे.
Friday को ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि वे 2026 में मियामी में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को देखना चाहेंगे.
उन्होंने कहा कि यह एक रोचक सवाल है. मैं चाहूंगा कि वे आएं, अगर वे चाहते हैं. वे पर्यवेक्षक के रूप में आ सकते हैं. मुझे नहीं पता कि वे पर्यवेक्षक बनना चाहेंगे.
ट्रंप ने कहा कि अगले साल अमेरिका अपनी 250वीं वर्षगांठ मनाएगा और लगभग 20 साल बाद पहली बार जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. यह सम्मेलन फ्लोरिडा के डोरल गोल्फ रिसॉर्ट में होगा, जो ट्रंप की संपत्ति है.
पहले कार्यकाल में ट्रंप ने 2020 के जी7 शिखर सम्मेलन को भी उसी जगह आयोजित करने का प्रस्ताव दिया था.
ट्रंप ने पहले घोषणा की थी कि वह 2026 में मियामी के अपने डोरल गोल्फ क्लब में जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे. लेकिन, आलोचकों ने उन पर अपने राष्ट्रपति पद से निजी लाभ कमाने की कोशिश का आरोप लगाया. इसके बाद ट्रंप ने Friday को कहा कि इसमें कोई पैसा नहीं है. हम चाहते हैं कि यह अच्छा हो.
रूस और चीन दोनों जी20 के सदस्य हैं. हालांकि, 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने 2023 में New Delhi और 2024 में रियो डी जनेरियो में हुए जी20 सम्मेलनों में हिस्सा नहीं लिया और इसके बजाए रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को भेजा.
ट्रंप ने Friday को पहले ही घोषणा की थी कि 2026 में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के सम्मेलन की मेजबानी अपने मियामी स्थित डोलर गोल्फ क्लब में करने का उनका प्लान है.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले साल ब्राजील में हुए सम्मेलन में हिस्सा लिया था. इस साल का जी20 शिखर सम्मेलन 22 से 23 नवंबर को जोहान्सबर्ग में होने वाला है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी पुष्टि की है कि वे दक्षिण अफ्रीका में विश्व नेताओं की बैठक में शामिल नहीं होंगे.उनकी जगह उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस इस बैठक में शामिल होंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “मैं इस साल नहीं जा रहा, यह दक्षिण अफ्रीका में है. मैं नहीं जाऊंगा, जेडी जाएंगे. वे बहुत अच्छे वाइस प्रेसिडेंट हैं और उन्हें वहां जाने का बेसब्री से इंतजार है. लेकिन मैं वहां नहीं जाऊंगा.”
इस साल की शुरुआत में, ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका को दी जाने वाली सहायता रोक दी थी, क्योंकि उनका आरोप था कि वहां श्वेत किसानों के साथ भेदभाव हो रहा है.
उसी आदेश में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका, अफ्रीकी शरणार्थियों को फिर से बसाने में मदद करेगा. ये वो शरणार्थी हैं जो सरकार की नस्लीय नीतियों और उनकी संपत्ति पर कब्जा करने के कारण वहां से भाग रहे हैं.
इसके अलावा, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी जोहान्सबर्ग में होने वाली जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में न जाने का फैसला किया और कहा कि दक्षिण अफ्रीका बहुत गलत काम कर रहा है.
–
पीएसके/एएस