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इंदौर, 4 सितंबर . Madhya Pradesh के सबसे बड़े Governmentी अस्पताल, इंदौर के एम.वाय. अस्पताल में चूहों के काटने से दो नवजात शिशुओं की मौत के मामले ने गंभीर रूप ले लिया है. इस घटना पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने जिला कलेक्टर को नोटिस जारी किया है. यह कार्रवाई जन स्वास्थ्य अभियान (जेएसए) की शिकायत के आधार पर की गई है.
बताया गया कि पिछले दिनों अस्पताल में भर्ती दो नवजात शिशुओं को चूहों ने कुतर दिया था. इलाज के प्रयासों के बावजूद दोनों शिशुओं की एक के बाद एक मौत हो गई. इस पर जन स्वास्थ्य अभियान ने Wednesday को आयोग से शिकायत दर्ज कराई थी. आयोग ने Thursday को जिला कलेक्टर को तीन दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. नोटिस की एक प्रति जेएसए Madhya Pradesh को भी भेजी गई है.
जेएसए Madhya Pradesh के वसीम इकबाल और सुधा तिवारी ने कहा कि एनसीपीसीआर का यह कदम इस बात की पुष्टि करता है कि यह घटना बाल अधिकारों, संक्रमण नियंत्रण प्रोटोकॉल और अस्पताल सुरक्षा मानकों का गंभीर उल्लंघन है. उनकी मांग है कि एनआईसीयू में भर्ती सभी बच्चों की तत्काल सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, विश्वसनीय विशेषज्ञों द्वारा स्वतंत्र और तथ्यपरक जांच कराई जाए और लापरवाही के लिए एम.वाय.एच. अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए.
जन स्वास्थ्य अभियान ने यह भी मांग की है कि राज्यव्यापी स्तर पर नवजात और बाल चिकित्सा वार्डों में संक्रमण-रोकथाम और कीट-नियंत्रण का ऑडिट कराया जाए. जेएसए Madhya Pradesh के डॉ. जी.डी. वर्मा और राहुल यादव ने एनसीपीसीआर के हस्तक्षेप का स्वागत करते हुए कहा कि Madhya Pradesh Government को इस त्रासदी से सबक लेना चाहिए और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.
इस मामले को लेकर राज्य Government ने भी गंभीरता दिखाई है. उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं और प्रारंभिक तौर पर जिन अधिकारियों या कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है, उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
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एसएनपी/डीएससी