रांची: रिनपास ने पूरे किए 100 वर्ष, डाक टिकट जारी

रांची, 4 सितंबर . झारखंड की राजधानी रांची के कांके स्थित मानसिक आरोग्यशाला रिनपास (रांची इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो साइकियाट्री एंड एलाइड साइंस) ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं. इस मौके पर Thursday को शुरू हुए तीन दिवसीय शताब्दी समारोह का उद्घाटन Chief Minister हेमंत सोरेन ने किया. “रिनपास 100 इयर्स, लेगेसी ऑफ केयर: सेंचुरी ऑफ हीलिंग” नाम से आयोजित इस समारोह में Government of India की ओर से डाक टिकट भी जारी किया गया. इसके साथ ही टेली-मानसिक स्वास्थ्य सेवा और वीडियो कांफ्रेंसिंग आधारित मानसिक स्वास्थ्य सेवा की भी शुरुआत की गई.

समारोह को संबोधित करते हुए Chief Minister हेमंत सोरेन ने कहा कि देश की आजादी से पहले से ही रिनपास आमजन की सेवा में समर्पित रहा है. उन्होंने कहा, “1925 में जब इस संस्थान की स्थापना हुई थी, तब मानसिक समस्याएं किस रूप में रही होंगी, कहना कठिन है, लेकिन आज की परिस्थिति में मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर चुनौती है. रिनपास जैसे संस्थान की परिकल्पना 100 वर्ष पूर्व करने वालों की सोच दूरदर्शी थी. आने वाले समय में ऐसे संस्थानों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होगी.”

Chief Minister ने भरोसा दिलाया कि State government ‘रिनपास’ में उपलब्ध सेवाओं और संसाधनों की व्यापक समीक्षा कर इसे और बेहतर बनाएगी. उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों के इलाज में अत्याधुनिक तकनीकों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि रिनपास में मरीजों की समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक डिजिटल संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे.

इस मौके पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री और रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा कि रिनपास ने लाखों लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं और अनगिनत मरीज यहां से स्वस्थ होकर निकले हैं. उन्होंने युवाओं में बढ़ते मानसिक तनाव पर चिंता जताई और कहा कि जीवन की आपाधापी में युवा वर्ग कम समय में सब कुछ हासिल करना चाहता है, जो मानसिक दबाव का कारण बन रहा है. ऐसे युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने और मानसिक रूप से सशक्त बनाने में रिनपास जैसे संस्थान की भूमिका अहम है.

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि रिनपास ने 100 वर्षों की यात्रा में देश-विदेश में अपनी अलग पहचान बनाई है. पूर्व में इसे उपेक्षित कर दिया गया था, लेकिन अब इसे नए स्वरूप में विकसित किया जाएगा. उन्होंने घोषणा की कि आधुनिक तकनीक, हरित अवसंरचना और पर्याप्त जनशक्ति से युक्त एक नया हाई-टेक रिनपास बनाया जाएगा.

शताब्दी वर्ष समारोह में देश-विदेश से आए विशेषज्ञ मनोचिकित्सक भी शामिल हो रहे हैं. तीन दिनों तक मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े विषयों पर संगोष्ठियां और विभिन्न सत्र आयोजित किए जाएंगे.

एसएनसी/डीएससी