‘असली एजेंडा हुआ उजागर’, हितेश जैन का प्रशांत भूषण पर पलटवार

New Delhi, 4 सितंबर . वरिष्ठ अधिवक्ता और भारत के 23वें विधि आयोग के सदस्य हितेश जैन ने वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण को जस्टिस शैलेंद्र कौर पर उठाए गए सवालों का जवाब दिया है. हितेश जैन ने पलटवार करते हुए कहा कि यह लॉबी सिर्फ राजनीतिक एजेंडे पर चलती है और जल्दी ही इनका नकाब उतर गया है.

असल में Supreme court के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने 2020 दिल्ली दंगा मामले में आरोपी उमर खालिद को जमानत न मिलने पर जस्टिस शैलेंद्र कौर पर सवाल उठाए थे. प्रशांत भूषण ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “जस्टिस शैलेंद्र कौर, जिन्होंने उमर खालिद और अन्य को जमानत देने से इनकार करने वाला हास्यास्पद फैसला सुनाया था, रिटायर हो रही हैं. देखना है कि रिटायर के बाद उन्हें कौन-सी नौकरी मिलेगी.”

इसके बाद, वरिष्ठ अधिवक्ता हितेश जैन ने प्रशांत भूषण को जवाब दिया. उन्होंने लिखा, “नकाब इतनी जल्दी उतर गया. जब गृह मंत्री अमित शाह ने न्यायमूर्ति सुदर्शन रेड्डी के राजनीति में आने के बाद उनकी आलोचना की, तो 18 रिटायर्ड जजों और कार्यकर्ताओं ने ‘चिलिंग इफेक्ट’ पर एक खुला पत्र लिख दिया. आज, प्रशांत भूषण न्यायमूर्ति शैलेंद्र कौर द्वारा दिए गए जमानत आदेश को “बेतुका” बता रहे हैं और उनकी ईमानदारी पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि वह अभी भी पीठ में हैं. वहीं 18 न्यायाधीश चुप हैं.”

हितेश जैन ने आगे लिखा, “पाखंड उजागर हो गया है. आलोचना अब चुनिंदा, पक्षपातपूर्ण और फायदे के हिसाब से की जाती है, सिद्धांतों के आधार पर नहीं. जैसा कि मैंने हमेशा कहा है, यह लॉबी सिर्फ राजनीतिक एजेंडे पर चलती है.”

इससे पहले, हितेश जैन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और वकीलों के एक वर्ग की तीखी आलोचना कर चुके हैं, जिन्होंने जस्टिस विपुल पंचोली की नियुक्ति के दौरान एक खुला पत्र लिखा था. इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले जस्टिस अभय ओका को भी हितेश जैन ने जवाब दिया था.

डीसीएच/जीकेटी