Mumbai , 3 सितंबर . फिल्मकार विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ 5 सितंबर को रिलीज होने वाली है. ‘द बंगाल फाइल्स’ को अभिषेक अग्रवाल, पल्लवी जोशी और विवेक रंजन अग्निहोत्री ने प्रोड्यूस किया है. फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, अनुपम खेर और दर्शन कुमार जैसे कलाकार भी हैं. इस मूवी में अभिनेत्री अनुभा अरोड़ा गौरी नाम की एक युवा पत्रकार की भूमिका में दिखाई देंगी.
से खास बातचीत में अनुभा ने फिल्म से जुड़े अनुभव शेयर किए. साथ ही बताया कि यह रोल उन्हें कैसे मिला.
सवाल : ‘द बंगाल फाइल्स’ में विवेक अग्निहोत्री के साथ काम करना कैसा रहा और आपको यह प्रोजेक्ट कैसे मिला?
अनुभा अरोड़ा : यह रोल मुझे तरुण बजाज कास्टिंग एजेंसी से मिला. पहले मैंने तरुण सर के साथ एक स्क्रिप्ट पर ऑडिशन दिया, फिर एक और स्क्रिप्ट पर, जो खास तौर पर मेरे किरदार के लिए थी, उसका ऑडिशन दिया. शॉर्टलिस्ट होने के बाद मैंने ऑफिस में ऑडिशन दिया, फिर एक लुक टेस्ट हुआ और आखिरकार मुझे फाइनल कर लिया गया.
सवाल : अब तक इंडस्ट्री में आपका अनुभव कैसा रहा है?
अनुभा अरोड़ा : कुल मिलाकर अनुभव अच्छा रहा है. मैं धीरे-धीरे आगे बढ़ रही हूं. प्रोजेक्ट धीरे-धीरे मिले हैं, लेकिन मुझे जो कुछ भी मिला है, उसके लिए मैं आभारी हूं. हर प्रोजेक्ट ने मुझे कुछ न कुछ मूल्यवान सिखाया है.
सवाल : अपने किरदार पर काम करने के बारे में बताइए. सेट पर अधिक गंभीर कौन था, आप या विवेक?
अनुभा अरोड़ा : सच कहूं तो, हम दोनों ही गंभीर थे. विवेक एक दूरदर्शी व्यक्ति हैं. उन्हें ठीक-ठीक पता है कि क्या कैद करना है, क्या सुधारना है, और वह चीजों को सिर्फ एक फिल्म निर्माता के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक दर्शक के तौर पर भी देखते हैं. मैं भी गंभीर थी क्योंकि मेरा किरदार बहुत भावुक था. यह किरदार की दरकार थी.
सवाल : क्या आप अपने किरदार के बारे में कुछ बता सकती हैं और क्या इसमें आपकी असल जिंदगी से कोई समानताएं हैं?
अनुभा अरोड़ा : मेरे किरदार का नाम गौरी है. दिलचस्प बात यह है कि मैं और वह दोनों दिल्ली से हैं. उनकी तरह मैं भी हर चीज को सही या गलत के रूप में ही देखती हूं. मेरे लिए ग्रे शेड वाले लोगों को समझना मुश्किल होता है, जिससे अक्सर चीजें जटिल हो जाती हैं.
सवाल : क्या आपको लगता है कि फिल्म देखने से पहले विरोध सही है?
अनुभा अरोड़ा : नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता. जब तक आप किसी चीज का अनुभव नहीं करते, तब तक आप कोई ठोस राय नहीं बना सकते. यह किसी किताब को उसके कवर से आंकने जैसा है. लोगों को पहले फिल्म को देखना चाहिए और फिर फैसला लेना चाहिए.
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जेपी/एबीएम