सरकार सेमीकंडक्टर मिशन 2.0 शुरू करने की तैयारी में : इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन

New Delhi, 2 सितंबर . इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने Tuesday को कहा कि केंद्र Government India सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के दूसरे चरण को शुरू करने की तैयारी कर रही है. पहले चरण के तहत लगभग सभी वित्तीय सहायता पहले ही आवंटित कर दी गई है.

New Delhi में सेमीकॉन इंडिया 2025 में कृष्णन ने कहा कि आईएसएम 1.0 के लिए धन की व्यवस्था काफी हद तक हो चुकी है और केवल दो से तीन अधूरी परियोजनाओं को ही अंतिम रूप दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा, “हम आईएसएम 2.0 की तैयारी के अंतिम चरण में हैं, जिसे जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा.”

सचिव ने कहा कि केंद्र और राज्य Governmentों द्वारा सेमीकंडक्टर उद्योग को मजबूत करने के लिए लगभग 30 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान करने की उम्मीद है.

उन्होंने India के लाभों पर जोर देते हुए बताया कि India हर वर्ष लगभग 11 लाख एसटीईएम स्नातक तैयार करता है और दुनिया के 20 प्रतिशत से अधिक सेमीकंडक्टर डिजाइन इंजीनियरों को रोजगार देता है.

इसके अलावा, उन्होंने मोबाइल फोन क्षेत्र के तेजी से विकास और अंतरिक्ष व रक्षा क्षेत्र में चिप्स के बढ़ते महत्व को अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को India के साथ सहयोग करने के प्रमुख कारण बताया.

इससे पहले, ‘सेमीकॉन इंडिया 2025’ का उद्घाटन करते हुए, Prime Minister Narendra Modi ने कहा कि दुनिया अब India पर भरोसा करती है और देश के साथ सेमीकंडक्टर उद्योग का भविष्य बनाने के लिए तैयार है.

उन्होंने यह भी कहा कि Government जल्द ही सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अगली पीढ़ी के सुधारों की शुरुआत करेगी.

Prime Minister मोदी ने ग्लोबल चिप मार्केट में India की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया और कहा कि देश एक ट्रिलियन डॉलर के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है.

उन्होंने कहा, “2021 से स्वीकृत 10 सेमीकंडक्टर परियोजनाओं में 18 अरब डॉलर का निवेश किया जा रहा है.”

Prime Minister मोदी ने बताया कि ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट, जिसका मूल्य पहले ही 600 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, जल्द ही 1 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा और India इसमें एक प्रमुख भूमिका निभाएगा.

पीएम मोदी ने कहा, “तेल को ब्लैक गोल्ड कहा जाता है लेकिन चिप्स डिजिटल डायमंड हैं. हमारी पिछली शताब्दी को ऑयल ने शेप किया. दुनिया का भाग्य, तेल के कुंओं से तय होता था. तेल के इन कुंओं से कितना पेट्रोलियम निकलेगा, इस आधार पर ग्लोबल इकोनॉमी ऊपर-नीचे होती रहती है. लेकिन 21वीं शताब्दी की शक्ति, छोटी सी चिप में सिमट कर रह गई है. ये चिप भले छोटी सी हैं, लेकिन इसमें दुनिया की प्रगति को बड़ी गति देने की ताकत है.”

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