New Delhi, 2 सितंबर . Supreme court ने उदयपुर के कन्हैयालाल टेलर हत्याकांड मामले में आरोपी मोहम्मद जावेद को जमानत दिए जाने के राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है. उच्च न्यायालय ने राजस्थान हाई कोर्ट के जमानत देने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार किया और कन्हैया लाल के बेटे तथा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की याचिका को खारिज कर दिया है.
कन्हैयालाल के बेटे और राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आरोपी मोहम्मद जावेद को जमानत दिए जाने के हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ Supreme court का रुख किया था. उनकी याचिका को खारिज करते हुए Supreme court ने माना कि वारदात के समय आरोपी मोहम्मद जावेद नाबालिग था.
कोर्ट ने यह भी नोट किया कि मामले में अब तक 166 गवाहों में से केवल 8 की गवाही हुई है, जिसके चलते ट्रायल पूरा होने में अभी काफी समय लगेगा.
Supreme court ने कहा कि वह राजस्थान हाई कोर्ट के जमानत देने के फैसले में दखल नहीं देगा.
उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा जमानत देते समय की गई टिप्पणियों का ट्रायल की प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
इसके साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले में अन्य आरोपियों, जिनकी जमानत याचिकाएं लंबित हैं, वे जावेद के मामले में समानता की मांग का दावा नहीं कर सकते.
बता दें कि कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में सहआरोपी जावेद 7 सितंबर, 2024 को जेल से बाहर आया था. वह अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद था.
राजस्थान हाई कोर्ट की jaipur पीठ ने 5 सितंबर, 2024 को उसे 2 लाख रुपए के जमानत मुचलके और 1 लाख रुपए की राशि पर जमानत दी थी. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने जावेद को रिहा करने का आदेश दिया था.
जावेद पर आरोप था कि उसने मुख्य आरोपियों के साथ मिलकर कन्हैयालाल की हत्या की साजिश रची थी, लेकिन हाई कोर्ट ने साक्ष्यों और सुनवाई के आधार पर उसकी जमानत याचिका मंजूर कर ली. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि जावेद के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है, इसलिए उसे हिरासत में रखना जरूरी नहीं है.
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