
बरेली, 31 अगस्त . उत्तर प्रदेश Police की तत्परता और तकनीक के संगम से बरेली की एक 20 वर्षीय छात्रा की जान बच गई. 31 अगस्त को छात्रा ने social media प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर सल्फास की गोलियों का पैकेट दिखाते हुए आत्महत्या संबंधी टेक्स्ट पोस्ट किया.
मेटा कंपनी ने इस पोस्ट पर मुख्यालय Police महानिदेशालय स्थित social media सेंटर को ई-मेल के माध्यम से अलर्ट किया, जिसे Police ने तुरंत संज्ञान में लिया. मुख्यालय Police महानिदेशक राजीव कृष्णा के निर्देश पर social media सेंटर ने मोबाइल नंबर के आधार पर छात्रा की लोकेशन बरेली Police को भेजी. केवल 16 मिनट में थाना सीबीगंज के उप निरीक्षक और महिला उप निरीक्षक सहित Policeकर्मी छात्रा के घर पहुंच गए. छात्रा उल्टियां कर रही थी और बेचैनी में थी.
Police और परिजनों ने मिलकर तत्काल प्राथमिक उपचार किया और छात्रा को आत्महत्या से बचाया. Police पूछताछ में छात्रा ने बताया कि वह बी.ए. थर्ड ईयर की छात्रा है और इंस्टाग्राम के माध्यम से उसने एक लड़के से दोस्ती की थी. दोस्त के अचानक संपर्क तोड़ने और मोबाइल नंबर ब्लॉक करने से वह अवसाद में थी. पिता द्वारा लाए गए गेहूं के खेत की दवा का उपयोग कर उसने आत्महत्या करने का प्रयास किया.
Police ने काउंसलिंग के बाद छात्रा को भविष्य में ऐसा कदम न उठाने का आश्वासन दिलवाया. उत्तर प्रदेश Police और मेटा कंपनी की 2022 से चल रही व्यवस्था के तहत, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर आत्महत्या संबंधी किसी भी पोस्ट पर अलर्ट भेजा जाता है. 1 जनवरी 2023 से 25 अगस्त 2025 तक इस प्रणाली के माध्यम से 1315 व्यक्तियों की जान बचाई जा चुकी है. इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि तकनीक और तत्परता का सही संगम समय रहते जीवन बचा सकता है.
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विकेटी/एएस
