Mumbai , 1 सितंबर . भारतीय सिनेमा में कई ऐसी हस्तियां हैं, जिनका नाम सुनते ही दिलों में एक अलग ही इज्जत और प्यार जाग जाता है. ऐसी ही एक अभिनेत्री थीं साधना शिवदासानी, जिनका नाम केवल उनके अभिनय की वजह से ही नहीं, बल्कि उनके खास हेयर स्टाइल और स्टाइलिश अंदाज के कारण भी काफी मशहूर हुआ, लेकिन उनका सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था. उन्होंने छोटी-सी उम्र में ही फिल्मी दुनिया में कदम रखा, और शुरुआत राज कपूर की मशहूर फिल्म ‘श्री 420’ के एक गाने में बैकग्राउंड डांसर के रूप में की थी.
साधना शिवदासानी का जन्म 2 सितंबर 1941 को कराची शहर में हुआ था, जो उस समय ब्रिटिश भारत का हिस्सा था, लेकिन बाद में वह पाकिस्तान का हिस्सा बन गया. उनका परिवार एक सिंधी हिंदू परिवार था, और वे अपने माता-पिता की इकलौती संतान थीं. देश के बंटवारे के बाद उनका परिवार कराची छोड़कर Mumbai आ गया, जहां साधना ने अपना जीवन फिर से शुरू किया. उनके पिता को उस समय की मशहूर अभिनेत्री साधना बोस बहुत पसंद थीं, इसलिए उन्होंने अपनी बेटी का नाम भी साधना रख दिया था. साधना ने अपनी पढ़ाई ‘जय हिंद कॉलेज’ से पूरी की और थोड़े समय के लिए एक कंपनी में टाइपिस्ट की नौकरी भी की, लेकिन उनकी दिलचस्पी हमेशा फिल्मों में थी.
साधना का फिल्मी सफर एक अनोखे मौके से शुरू हुआ. 14 साल की उम्र में वे राज कपूर की फिल्म ‘श्री 420’ के मशहूर गीत ‘मुड़-मुड़ के ना देख मुड़-मुड़ के’ में बैकग्राउंड डांसर के रूप में दिखीं. यह भूमिका भले ही छोटी थी, लेकिन यह उनके करियर की शुरुआत थी. उस समय वे केवल एक सामान्य लड़की थीं, लेकिन इस फिल्म के सेट पर उनकी मेहनत और लगन ने हिंदी सिनेमा के दरवाजे खोल दिए. उस समय फिल्मों में आने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता था, और साधना ने भी काफी संघर्षों का सामना किया.
फिल्म ‘अबाना’ उनकी पहली सिंधी फिल्म थी, जिसमें उन्होंने एक छोटा रोल निभाया था. इसके लिए उन्हें केवल एक रुपये का टोकन अमाउंट मिला था. लेकिन इस छोटे से कदम ने उनकी मेहनत को सही दिशा दी. फिर 1959 में साधना ने बॉलीवुड में ‘लव इन शिमला’ फिल्म से डेब्यू किया, जो उनके लिए सफलता की पहली सीढ़ी साबित हुई. इसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया, जैसे ‘मेरा साया’, ‘वक्त’, ‘वो कौन थी’, ‘अनीता’, ‘इंतकाम’ और ‘राजकुमार’. इन फिल्मों में उनके अभिनय की खूब तारीफ हुई.
साधना के करियर में उनके खास हेयर स्टाइल, जिसे ‘साधना कट’ कहा जाता है, ने उन्हें और भी खास पहचान दिलाई. इसका कारण था उनका थोड़ा चौड़ा माथा, जिसे छुपाने के लिए डायरेक्टर आर. के. नय्यर ने उन्हें हॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री ऑड्रे हेपबर्न की तरह बाल कटवाने का सुझाव दिया था. साधना ने यह नया हेयर कट अपनाया और यह फैशन इतना लोकप्रिय हुआ कि पूरे भारत की लड़कियां इस हेयर स्टाइल को अपनाने लगीं. यह सिर्फ एक फैशन स्टेटमेंट नहीं था, बल्कि साधना की एक अलग पहचान बन गई थी.
मार्च 1966 में उन्होंने निर्देशक आर. के. नय्यर से शादी की. हालांकि उनकी शादी को लेकर उनके परिवार में कुछ मतभेद थे क्योंकि नय्यर उनसे काफी बड़े थे. शादी के बाद साधना ने फिल्मों से दूरी बनानी शुरू कर दी.
साधना ने अपने समय में फिल्मों के साथ-साथ कई विज्ञापनों में भी काम किया, और वे लक्स साबुन की पहली बड़ी मॉडल भी थीं. उस समय उनकी लोकप्रियता बहुत ज्यादा थी, और वे बॉलीवुड की सबसे ज्यादा वेतन पाने वाली अभिनेत्रियों में से एक थीं. उनके बराबर मेहनताना वैजयंती माला को मिलता था, जो उस जमाने की एक और बड़ी अभिनेत्री थीं.
हालांकि, साधना की जिंदगी हमेशा आसान नहीं रही. वो थायरॉइड से पीड़ित रहीं, जिससे उनकी सेहत पर असर पड़ा. इसके अलावा, उनके आखिरी दिन बहुत अकेलेपन में गुजरे. 1995 में उनके पति आर. के. नय्यर का निधन हो गया. उन्होंने Mumbai के एक पुराने बंगले में किराये पर रहना शुरू किया, जो आशा भोसले का था. फिल्म इंडस्ट्री से भी उन्हें वो मदद नहीं मिली जिसकी उन्हें जरूरत थी. उनकी खास दोस्त और हीरोइन तबस्सुम ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि साधना ने कई बार फिल्मी लोगों से सहायता मांगी थी, लेकिन कोई आगे नहीं आया. 25 दिसंबर 2015 को साधना का निधन हो गया.
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पीके/केआर